फर्जीवाड़े के लिए बड़ा नेटवर्क, हल्की धाराओं से पुलिस का डर कम

बड़े पैमाने पर बदल रहे आईएमईआई नंबर, मिलती है पांच हजार रूपये में ट्रेनिंग

पुलिस ने आईएमईआई नंबर बदलने वाले चार दुकानदारों को और उठाया, अब तक आठ हिरासत में

Meerut। शहर में आईएमईआई नंबर चेंज करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। जी हां ये बात सच है पांच से आठ हजार रूपये और तीन दिन की ट्रेनिंग में आइएमईआई नम्बर चेंज करने के मास्टर तैयार कर दिए जाते हैं। मेरठ के आईएमईआई नंबर चेंज करने वाले दिल्ली से मोबाइल रिपेयरिंग की आड़ में शातिर चाइना में डेवलप सॉफ्टवेयर खरीदकर लाते हैं। इसे बाद में कम्प्यूटर या लैपटॉप में स्टॉल करते हैं। इसके बाद कंडम हो चुके अलग-अलग मोबाइल कम्पनियों के सेट के आइएमईआई नम्बर चोरी कर रिप्लेस किया जाता है। एक्सपर्ट की मानें तो इसे रैकेट की भाषा में मोबाइल की रिलॉचिंग कहा जाता है। वहीं मेरठ पुलिस ने आईएमईआई नंबर बदलने वाले आठ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस ने शुक्रवार को चार लोगों दबोचा था, तो वहीं सैटरडे को भी पुलिस ने चार दुकानदारों को हिरासत में लिया है।

पंद्रह मिनट में तोड़ते हैं लॉक

दरअसल, एप्पल को छोड़कर कोई भी मोबाइल फोन हो, उसका लॉक और आईएमईआई नंबर केवल 15 मिनट में टूट जाता है। तरह-तरह के साफ्टवेयर आईएमईआई नंबर बदलने के लिए आ गए है। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक एक फोन का लॉक तोड़ने में सिर्फ 15 मिनट का समय लगता है। 5 हजार से लेकर 40 हजार रूपये तक के बाक्स मार्केट में उपलब्ध हैं। जिनका आईएमईआई नंबर चेंज किया जा सकता है।

आ जाता है पुराना आईएमईआई नंबर

साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक यदि किसी मोबाइल नंबर का आईएमईआई नंबर चेंज हुआ है, उस मोबाइल को यदि बदमाश ने किसी कारण वश फॉरमेट कर दिया तो पुराना आईएमईआई नंबर मोबाइल में ऑटोमैटिक आ जाएगा, लेकिन यह तब होगा जब पुराना ईएमईआई नंबर किसी फोन पर न चढ़ाया गया हो। साइबर एक्सपर्ट बताते है कि 80 प्रतिशत केसों में इस तरह की बात सामने आती है। यदि आपका फोन चोरी या लुट गया है और बदमाशों ने उसे विदेश में पहुंचा दिया है तो पूरे देश का सर्विलांस सिस्टम मोबाइल ट्रैक नहीं कर सकेगा।

क्या है आईएमईआई नंबर

मोबाइल में आइएमइआई नंबर( इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आईडेंटिटी) ही उसकी पहचान होती है। आइएमइआई नंबर से ही टेलीकॉम कंपनियां यह पता लगा लेती हैं कि यह मोबाइल किस स्थान व किस टॉवर पर एक्टिव है। अब आइएमइआइ नम्बर चेंज होने पर पुलिस की साइबर सेल इस तरह के मोबाइल का पता नहीं लगा पाएगी।

आती हैं कई शिकायतें

एक महीने में मेरठ में चोरी और लुट के करीब दो हजार फोन चोरी और लुट जाते है। पुलिस अधिकतर केसों में मुकदमा कायम नहीं करती है बल्कि गुम में तहरीर लेती है। यही वजह है कि चोरी और लूट के मोबाइलों का बदमाश आईएमईआई नंबर बदलवाकर धड़ल्ले से चला लेते है।

फाइंड माई ऐप का भी तोड़

बदमाशों ने फाइंड माई मोबाइल ऐप का भी तोड़ निकाल लिया है। दरअसल, इसकी सहायता से मोबाइल फोन को टै्रक किया जा सकता है।

सख्त हो कानून

मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदलना देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है। मुम्बई और दिल्ली जैसे शहरों में आईएमईआई नंबर बदलने वालों पर एनएसए की धाराओं में कार्रवाई होती है, लेकिन यूपी में अभी सख्त कार्रवाई नहीं होती है, जिससे यहां यह धंधा जोर शोर से चल रहा है।

अब तक हजारों मोबाइलों के आईएमईआई नंबर बदल चुके है। पुलिस ने इनके पास से काफी मोबाइल और आईएमईआई नंबर बदलने वाले उपकरण भी बरामद किए है।

इस तरह चल रहा खेल

पहले भी पकड़ा जा चुका है गैंग

मेरठ में मोबाइल का आईएमईआई नंबर चेंज करने वाला गैंग पहले भी पकड़ा जा चुका है। इनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई सख्ती से नहीं करती है, जिसके बाद जमानत पर छुटने के बाद फिर से इस काम में लिप्त हो जाते है। मेरठ के गंगा प्लाजा, सूर्य प्लाजा और नंदनी प्लाजा में इस तरह का बड़ा नेटवर्क चल रहा है।

ऐसे बच सकता है मोबाइल

साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक अपने फोन को सुरक्षित रखने के लिए फोन की लोकेशन ऑन रखे।

गूगल लोकेशन, व्हाट्सऐप लोकेशन समेत कई एप्लीकेशन को ऑन रखे।

ताकि बदमाशों का पीछा कर उन्हें पकड़कर अपना फोन बरामद कर सके।

आईएमईआई नंबर बदलने वालों के खिलाफ अभियान शुरू हो गया है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है, जो आईएमईआई नंबर बदल रहे थे। जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा।

अजय साहनी, एसएसपी

Posted By: Inextlive