जिले के इन मजरों में आज तक नहीं हो सका विद्युतीकरण

वर्ष 2015 में भी नहीं जल सका उन मजरों में बिजली का बल्व

PRATAPGARH :बीतने जा रहा वर्ष 2015 भी जिले के पांच हजार 530 मजरों के माथे से पछिड़े पन का कलंक नहीं धो सका। आधुनिकता के इस दौर में आज तक उन मजरों में बसर करने वालों को ढिबरी की रोशनी में जीना पड़ रहा है। बल्व का उजाला उन लोगों के लिए आज भी किसी सपने से कम नहीं है। उनके हिस्मत में आया अंधेरे का साम्राज्य राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना भी नहीं मिटा सका।

कुल 17 विकास खंड और पांच तहसीलों वाले इस जिले की तकरीब आबादी 34 लाख है। जिले में बिजली की आपूर्ति के लिए विद्युत विभाग के दो वितरण खंड हैं। पहला सदर, रानीगंज व पट्टी तहसील है और दूसरे खंड में लालगंज व कुंडा इलाका आता है। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले के कुल 9000 मजरों में 5530 मजरों में बिजली की रोशनी आज तक नहीं पहुंच सकी। विभाग के आकड़े बताते हैं कि खंड प्रथम में एक लाख 40 लाख उपभोक्ता तथा खंड द्वितीय में एक लाख 45 हजार विद्युत उपभोक्ता हैं। प्रथम खंड में 6950 ट्रांसफार्मरों तथा खंड द्वितीय में 5995 ट्रांसफार्मर लगे हैं। इसके अलावा विद्युत उपकेंद्रों की संख्या क्रमश: 30 और 26 हैं। राजीव गांधी विद्युतीकरण के द्वितीय फेज में 300 की आबादी वाले 5013 मजरों का सर्वे आंध्रपदेश की राधाकृष्ण कंपनी द्वारा पूरा कर लिया गया है। जनवरी माह से इन मजरों में विद्युतीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बाद में जनप्रतिनिधियों द्वारा 100 आबादी वाले 517 मजरों की उपलब्ध कराई गई सूची में विद्युतीकरण का कार्य कराया जाएगा। सवाल यह उठता है कि आजादी के 68 सालों बाद भी उन मजरों में बिजली की रोशनी क्यों नहीं पहुंचाई जा सकी।

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नहीं बदला 72 घंटे में ट्रांसफार्मर

प्रदेश सरकार द्वारा 72 घंटे के भीतर जले हुए ट्रांसफार्मरों को बदलने का शासन का आदेश हवा में ही रहा। यहां अभी भी पुरानी व्यवस्था ही चल रही है। ट्रांसफर्मर फुंकने के बाद ग्रामीण आपने चंदे के पैसे से उसे चिलबिला स्थित स्टोर पर लाते हैं और स्वयं ले जाते हैं। विभाग जहां जले ट्रांसफार्मरों को महज 72 घंटे में बदलने का दावा करता है, वहीं हकीकत इससे इतर है। शहर की बात तो ठीक है, लेकिन अंचल के हालात ये हैं कि सूचना देने के बाद भी 72 घंटे तो विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी व कर्मचारी संज्ञान ही नहीं लेते। हालांकि विभाग के आला अफसर ऐसी बातों से इंकार करते हैं।

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अधिशाषी अभियंताओं का जवाब

अधिशाषी विद्युत अभियंता प्रथम जीसी यादव कहते हैं कि विभाग ने काफी काम कराया है। जो बचे हैं उसे आगे कराया जाएगा। इसी तरह विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशाषी अभियंता ओपी मिश्र भी कहते हैं कि काफी काम हुआ है। दो साल के भीतर 50 हजार नए कनेक्शन दिए गए। 1000 नए पोल लगे, 19 ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई गई, 230 किमी के जर्जर तार बदले गए। जले ट्रांसफार्मर को बदलने के बारे में अधिशाषी अभियंता द्वय ने बताया कि लोग विभाग के पहुंचने से पहले ही उसे उतरवाने लगते हैं। विभाग में चंदा लगाकर ट्रांसफार्मरों की मरम्मत का कोई नियम नहीं है। ऐसी शिकायतें मिलने पर संबंधित कर्मचारी को दंडित किया जाता है।

Posted By: Inextlive