छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : शहर में बालू की कीमत सातवें आसमान पर है। किल्लत से बालू की कालाबाजारी जोरों है। यहां तक कि नदी तट से छोटे-छोटे ग्रुप में बालू का उठाव हो रहा है। स्थानीय लोग सैकड़ों सीएफटी बालू बिना किसी रजिस्ट्रेशन के उठाव कर रहे हैं, लेकिन रोकने वाला कोई नहीं है। बालू की कीमत बढ़ने से आम लोग से लेकर बिल्डर तक त्राहिमाम कर रहे हैं। कंस्ट्रक्शन का काम भी धीमा पड़ गया है, लेकिन बालू की कालाबाजारी नहीं रुक रही है। दरअसल, जिले में बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। 40 बालू घाटों में से 30 बालू घाटों की निलामी हो चुकी है लेकिन इन्हें पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इन्वॉयरमेंट क्लीयरेंस नहीं दिया है। बाकि बचे 10 बालू घाटों के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, माइनिंग बोर्ड में आपसी कॉर्डिनेशन नहीं होने का खामियाजा आम जनता भुगत रही है।

बालू के लिए थानों में चढ़ावा

एक बालू सप्लायर ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि कैसे 1800 से 2000 रुपए साइट पर मिलने वाला प्रति ट्रक बालू पहुंचते पहुंचते 5000 रुपए हो जा रहा है। साइट पर 1800 से 2000 रुपए 170 सीएफटी बालू ट्रक में लोड होता है। 600 रुपए साइट पर लोकल रंगदारी वसूली जा रही है। हर ट्रक को शहर में एंट्री कराने के लिए पुलिस 1200 रुपए ले रही है। महीने में हर थाना को 6000 रुपए फिक्स है। शहर घुसने में चार थाने पड़ते हैं। डीएसपी का महीना बंधा हुआ है। पुलिस अगर कहीं पकड़ लेती है, तो उसको अलग से पैसा देना होता है। ऐसा कर रेट 10 हजार रुपए तक पहुंच रहा है।

चोरी-छिपे शहर आ रहा बालू

जमशेदपुर में सिर्फ 30 बालू घाटों की नीलामी हुई है। लेकिन इन घाटों से बालू का उठाव शुरू नहीं हुआ है। जिले के सिर्फ एक घाट को ही इन्वॉयरमेंट क्लीयरेंस मिला है। जिस कंपनी को जहां का घाट एलाट हुआ है, वहां के लोकल लोग उनको बालू उठाने नहीं दे रहे हैं। अगर वो उठाने की कोशिश भी कर रहे हैं, तो उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं। नीलामी के बाद अभी भी कई सारी प्रक्रियाएं बाकी हैं। जब तक पूरा प्रॉसेस नहीं हो जाता, ब्लैक में बालू बिकता रहेगा।

नीलामी प्रक्रिया अधूरी

जमशेदपुर में बालू अभी सोने के भाव बिक रहा है। बालू घाटों की निलामी नहीं होने की वजह से ये समस्या खड़ी हुई है। खरकई और स्वर्णरेखा नदी से लोग खुद बालू उठा रहे हैं। बालू उठाने के बाद उसकी बिक्री की जा रही है। बोरे और टोकरियों में भरने के बाद बालू को रोड के किनारे जमा किया जाता है। हर आदमी का अपना बालू अलग-अलग जमा करता है। बालू के ढेर का उठाव ट्रक से किया जाता है। सीमेंट की बोरी भरे बालू की कीमत 25 रुपए के हिसाब से वसूला जाता है। ट्रक और हाइवा से उठाव के बाद शहर में इसे बेचा जाता है। शहर में एक हाइवा बालू की करीब 10 हजार रुपए है।

तिगुना महंगा हुआ बालू

जमशेदपुर में बालू की कालाबजारी के कारण लोगों के घर बनाने के खर्चे में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। लोगों को बालू तो मिल जा रहा है, लेकिन इसके लिए उन्हें ढाई से तीन गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। बालू की कीमत बढ़ने के कारण कई इलाके में घर बनाने का काम धीमा पड़ गया है। मेरीन ड्राइव के किनारे दोमुहानी से लेकर टोल ब्रिज तक बालू का अवैध कारोबार चलता है। बागुनहातू में नाव में भरकर बालू का ट्रांसपोर्टेशन किया जाता है। बालू के बढ़े दाम के कारण कई अपार्टमेंट निर्माण का काम भी ठप पड़ा हुआ है।

Posted By: Inextlive