बैंक में FD कराने से पहले इन पांच बातों को जरूर रखें ध्यान
2. एफडी कराने के बाद आपको टीडीएस टर्म काफी पढ़ने को मिलता है। दरअसल यह एक इनडायरेक्ट टैक्स है जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जाता है। यह एफडी मैच्योर होने पर नहीं बल्िक फाइनेंशियल ईयर यानी 31 मार्च को कैलकुलेट होता है।
4. एफडी मैच्योर होने पर अगर आप बैंक में क्लेम नहीं करते हैं, तो बैंक को यह अधिकार मिला है कि वो उसे रिन्यू कर दे। लेकिन रिन्यू भी वर्तमान एफडी रेट पर ही होगा।
5. अगर एफडी के डिपॉजिटर की डेथ हो जाती है, तो इस स्थिति में नॉमिनी एफडी की रकम के लिए क्लेम कर सकता है।