क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ :सिटी के कई अपार्टमेंट (पुराने और नए) ऐसे हैं जहां बिल्डर्स ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं कराया है. ऐसे बिल्डर फ्लैट को बेचकर करोड़ों रुपए का मुनाफा कमा चुके हैं और अब वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर फ्लैट ओनर को फंसा कर खुद रफूचक्कर होने में लगे हैं. इन बिल्डर्स ने नगर निगम से एनओसी भी नहीं लिया है न ही बिल्डिंग हैंडओवर किया है और जब मामला वाटर हार्वेस्टिंग के खर्च का है तो कन्नी काटकर भाग रहे हैं. नगर निगम इसका खामियाजा फ्लैट में रहने वाले लोगों के होल्डिंग टैक्स में वृद्धि कर वसूल रहा है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जुड़े मामलों में जो खुलासे दिन-प्रतिदिन सामने आ रहे हैं वो नगर निगम की कार्यशैली और बिल्डर्स के साथ उनकी सांठगांठ का संकेत करते हैं. रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर जो लोग निगम को टैक्स भर रहे हैं उनसे जबरन वसूली की जा रही है. जबकि अपार्टमेंट से करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाने वाले बिल्डर्स को छोड़ दिया जा रहा है.

हिनू, डोरंडा, कांके रोड, मोरहाबादी में परेशानी

सिटी में सबसे ज्यादा अपार्टमेंट्स कांके रोड, मोरहाबादी, हिनू, डोरंडा, लालपुर समेत कई इलाकों में हैं. इन रिहायशी इलाकों में फ्लैट ओनर्स द्वारा खरीदारी के लिए बिल्डर्स को लाखों रुपए का भुगतान करना पड़ता है. इसके बावजूद बिल्डर रुपया लेकर निकल गये हैं और अब फ्लैट ओनर को बढ़ा होल्डिंग टैक्स भरना पड़ रहा है.

बिना एनओसी कैसे छूट रहे बिल्डर्स

झारखंड गठन के बाद 2009 तक आरआरडीए ने 1341 भवनों का नक्शा पास किया, जिनमें मात्र 112 बिल्डर्स ने आक्युपेंशी सर्टिफिकेट हासिल किया. 2009 के बाद नगर निगम ने 1600 भवनों का नक्शा पास किया और आक्युपेंशी मात्र 29 बिल्डर्स ने ली है. इसके बावजूद नगर निगम और बिल्डरों की सांठगांठ के कारण बिल्डर की गलती का खामियाजा फ्लैट खरीदने वाले भोले-भाले लोग भुगत रहे हैं.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जगह तक नहीं छोड़ी

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए, जहां डीप बोरिंग कराई जा सके. लेकिन अपार्टमेंट बन जाने के बाद बोरिंग गाड़ी के न तो अंदर घूमने के लिए पर्याप्त स्थान है न ही परिसर में इतनी खाली जगह है कि वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराई जा सके. अब लोग ऐसे में क्या करें किससे गुहार लगाएं कि उनके साथ न्याय किया जाए.

वर्जन

मैंने वर्ष 2012 में मोरहाबादी के महामाया अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदा है. बिल्डिंग कंप्लीट हुए 15 साल हो गए हैं लेकिन बिल्डर ने न तो अभी तक बिल्डिंग हैंड ओवर किया है न ही नगर निगम की आक्युपेंशी सर्टिफिकेट ली है. यहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा नहीं है. वहीं, मेरे होल्डिंग टैक्स में अप्रत्याशित वृद्धि कर दी गई है. दोगुना टैक्स वसूला जा रहा है जबकि बिल्डर को नगर निगम कुछ नहीं कहता.

धनंजय सिन्हा, महामाया, मोरहाबादी

मुझे कांके रोड में फ्लैट लिए करीब 10 साल हो गए. तब रेन वाटर हार्वेस्टिंग के संबंध में इतनी जागरुकता नहीं थी. बिल्डर ने भी अपार्टमेंट में ये सुविधा नहीं दी है. अब हमलोगों का टैक्स बढ़ा दिया गया है. कह रहे हैं कि आपलोग अपने खर्चे पर रे वाटर हार्वेस्टिंग कराइए. अपार्टमेंट में न तो पर्याप्त जगह है न ही छत की बनावट ऐसी है कि वाटर हार्वेस्टिंग कराई जा सके.

तन्मय कुमार दीपक, रजनीगंधा, कांके रोड

हिनू में मेरा फ्लैट है. काफी पहले ही लिया है और तब रेन वाटर हारवेस्टिंग जैसा कोई सख्त नियम नहीं था. फ्लैट में भी इसकी व्यवस्था नहीं थी. अब आज इतने सालों बाद इसे अनिवार्य कर दिया गया. फ्लैट में कहीं जगह भी नहीं है कि रेन वाटर हारवेस्टिंग बनाई जा सके.

रितेश श्रीवास्तव

Posted By: Prabhat Gopal Jha