यमुना में बढ़ गई बाढ़ की संभावना, तटवर्ती इलाका खाली कराने का आदेश

PRAYAGRAJ: भारी बारिश के चलते केन, बेतवा और टोंस नदी में उफान का खामियाजा प्रयागराज में यमुना नदी के तट पर बसे इलाकों में रहने वालों को भी भुगतना पड़ेगा। जिले में औसत से कम बारिश के इन नदियों का साढ़े साल लाख क्यूसेक पानी हाहाकार मचाने के लिए डैम से छोड़ दिया गया है। इससे अगले 24 से 48 घंटों में यमुना के तटवर्ती एरिया में बाढ़ की संभावना बढ़ गयी है। इसके चलते इस एरिया को खाली कराने का आदेश दे दिया गया है।

कहां से छोड़ा गया कितना पानी

शहर की तरफ बढ़ रहा बाढ़ का पानी दूसरे जिलों का है।

हमीरपुर के माताटीला बांध से 4.30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया

लातूरा बांध से थसान नदी में 84400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया

केन नदी में बरियारपुर बांध से 2.18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया

ये सभी नदियां यमुना से लिंक हैं। इससे शनिवार सुबह से यमुना के कछारी इलाकों में बाढ़ का असर दिखने लगेगा

बाढ़ कार्य खंड प्रयागराज के अधिशासी अभियंता के अनुसार यमुना नदी का पानी खतरे के निशान 84.73 मीटर तक पहुंच सकता है

ऐसा हुआ तो करेली, करेलाबाग बाराय, करछना और फूलपुर के आंशिक हिस्सों में बाढ़ आ जाएगी

यमनुा के पानी से गंगा का पानी भी फ्लो बैक करेगा इससे गंगा के तटवर्ती इलाकों में भी असर दिखेगा

जायजा लेने पहुंची एनडीएआरएफ

गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ टीम एलर्ट हो गई है। शुक्रवार को एसडीएम सदर गौरव रंजन श्रीवास्तव और तहसीलदार सदर अरविंद कुमार मिश्रा ने मऊ कछार, द्रोपदी घाट, बक्शीबांध, छोटा बघाड़ा, बलुआघाट, चाचर नाला व गौसनगर का दौरा करके बाढ़ चैकियों का निरीक्षण किया। एनडीआरएफ की एक टीम ने लेखपाल ट्रेनिंग स्कूल करेली में डेरा डाल दिया है। स्वास्थ्य विभाग को एलर्ट कर दिया है।

वर्तमान में जलस्तर

फाफामऊ- 78.70 मीटर

छतनाग- 77.02 मीटर

नेनी- 77.61 मीटर

तीन बांधों से छोड़ा गया पानी शहर की ओर से बढ़ रहा है। इससे यमुना नदी के खतरे के निशान तक पहुंचने की संभावना है। फिलहाल जलस्तर के बढ़ने पर नजर रखी जा रही है।

ब्रजेश कुमार,

ईई, बाढ़ कार्य खंड प्रयागराज

Posted By: Inextlive