- गेरुई सनगद संपर्क मार्ग का पुल हो चुका है जर्जर

- रखरखाव के अभाव में रेग्युलेटर का भी यही हाल

CAMPIERGANJ: कैम्पियरगंज क्षेत्र के लोगों पर जिम्मेदारों की लापरवाही दोगुनी मार कर रही है। यहां गेरुई सनगद संपर्क मार्ग के रेग्युलेटर को पार करने के लिए बना पुल काफी खस्ताहाल हो चुका है। साथ ही रखरखाव के अभाव में रेग्युलेटर का भी यही हाल है। क्षेत्र के लोगों के लिए ये पुल जहां मुख्य मार्ग से संपर्क का एक मात्र विकल्प है। वहीं रेग्युलेटर सैकड़ों गांवों को बाढ़ से बचाने का काम करता है। ऐसे में अगर दोनों में से कोई एक भी टूटा तो लोगों पर मुसीबत का पहाड़ टूटना तय है।

घर पहुंचना होगा मुश्किल

गेरुई सनगद संपर्क मार्ग के इस पुल से रोजाना हजारों लोग गुजरते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से पुल की मरम्मत नहीं की गई है। हाल ये है कि इसके किनारे की बैरेकेडिंग तक पूरी तरह टूट चुकी है। खस्ताहाल होता जा रहा ये पुल अगर टूटा तो कछार क्षेत्र के लोगों को दूसरे मार्ग से जाने में काफी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। क्षेत्रीय लोग भी इसकी मरम्मत की मांग उठाने लगे हैं।

कहीं आ ना जाए तबाही

इसके अलावा रखरखाव के अभाव में रेग्युलेटर भी काफी जर्जर हो चला है। यह सीधे राप्ती नदी से जुड़ा है। जिस समय नदी का उफान तेज होता है, इसे बंद कर गांवों को पानी के बहाव से बचाया जाता है। इस रेग्युलेटर से सीधा पानी हजारों एकड़ में फैले सरुआ ताल में आता है। इस ताल के चारों तरफ कई गांव बसे हैं। स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह ने इन गांवों को बाढ़ के खतरे से बचाने के लिए इस रेग्युलेटर का निर्माण कराया था। अब जब बारिश का मौसम करीब है तो लोगों को रेग्युलेटर के टूटने का डर सताने लगा है। उनका डर सही भी है क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो मूसाबार, बरयीपार, खजुरगांवा, मिरहिरिया, गेरुई, सनगद, बड़ुलिया, कटकही, गोपलापुर, रिगौली, कटवा, बेलौहा, धानी, आजगरहा, पठनपुरवा, ठाकुरनगर, लोहरपुरवा, बहबोलिया आदि सैकड़ों गांव डूब जाएंगे।

Posted By: Inextlive