-तेजी से बढ़ रहा गंगा-यमुना का जलस्तर

-बंधवा हनुमान मंदिर के नजदीक पहुंचा पानी

-बंद हुआ एसटीपी का स्लूज गेट

-बक्शी बांध पर रखी जा रही नजर

ALLAHABAD: गंगा और यमुना पल-पल खतरनाक तरीके से बढ़ रही हैं। उनमें आए उफान ने प्रशासनिक अधिकारियों समेत निचले इलाकों में रहने वालों की नींद उड़ा दी है। बुधवार को इसका अंदाजा तब लगा जब गंगा का पानी बंधवा हनुमान मंदिर के नजदीक पहुंच गया। इससे लोगों के कान खड़े हो गए। देखते ही देखते संगम और आसपास का इलाका जलमग्न हो गया जिससे लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। उम्मीद की जा रही है सुबह तक मंदिर के भीतर पानी प्रवेश कर जाएगा।

रौद्र रूप में आई दोनों नदियां

बुधवार को गंगा-यमुना ने रौद्र रूप धारण कर लिया। पिछले चौबीस घंटों में जिस तरह से इनका जलस्तर बढ़ा है, उसने भविष्य में आने वाले खतरे की ओर इशारा कर दिया है। पिछले 24 घंटे में फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 1.35 मीटर, नैनी में यमुना का जलस्तर 1.89 मीटर और छतनाग में जलस्तर 1.91 मीटर बढ़ा है। नदियों में आए इस उफान तटीय इलाकों में रहने वालों के रोंगटे खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है भविष्य में नदियों का जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है।

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खतरनाक हैं अगले 24 घंटे

यमुना का नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से गंगा में भी उफान नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक एमपी में भारी बरसात के बाद केन, बेतवा, चंबल नदियों का पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है। जिसका असर इलाहाबाद में नजर आने लगा है। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अधिकारियों के मुताबिक, अगले 24 घंटे ऐसे ही यमुना का जलस्तर बढ़ता रहेगा, जिससे खतरे के हालात पैदा हो सकते हैं। उधर, बुधवार को हरिद्वार से छोड़ा गया 57 हजार क्यूसेक और कानपुर से छोड़ा गया दो लाख क्यूसेक पानी गंगा के जलस्तर में अगले 24 घंटों में बढ़ोतरी कर सकता है।

तख्त, बक्सा लेकर भागे लोग

बंधवा हनुमान मंदिर के नजदीक गंगा नदी के पहुंच जाने से संगम की आसपास की सड़कें जलमग्न हो गई। यहां से लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। आलम यह था कि शाम तक बक्से, तख्त और बाकी सामान लेकर लोग ऊंचे इलाकों पर चले आए। वहीं, बंधवा हनुमान जी के गंगा स्नान करने के अंदेशे को लेकर भक्तों की आस्था भी परवान चढ़ने लगी। इस दौरान पूजा-अर्चना का दौर जारी रहा। लोगों ने मंदिर में दर्शन कर मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना की। बता दें कि इसके पहले वर्ष 2013 में लेटे हनुमान जी के जलमग्न हुए थे। उस दौरान गंगा नदी का पानी मंदिर के अंदर प्रवेश कर गया था।

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डीएम-एसएसपी ने लिया जायजा

नदियों में आए उफान से बाढ़ आने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इसको लेकर डीएम कौशलराज शर्मा और एसएसपी केएस इमैनुअल ने संगम एरिया का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ से निपटने की जिम्मेदारियों का जायजा लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान डीएम ने निचले इलाकों में रहने वालों को एलर्ट रहने की हिदायत दी। मौके पर सिंचाई विभाग समेत दूसरे संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

लौट सकते हैं पुराने हालात

बाढ़ के खतरे को देखते हुए बघाड़ा, सलोरी, सदियाबाद, करेली, अरैल आदि निचले इलाकों के लोगों की नींद उड़ी हुई है। उनकी आंखों में वर्ष 2013 के हालात उतर आए हैं, जब नदियों का पानी घरों में घुस गया था। दर्जनों इलाके जलमग्न हो गए थे। सड़कों पर नाव चल रही थी। रातभर जलस्तर में वृद्धि के संदेह के चलते इन इलाकों में दिक्कत पैदा हो सकती है। जिला प्रशासन ने भी बाढ़ के मद्देनजर रिंग बांध एसटीपी का स्लूज गेट बंद कर दिया है और बक्शी बांध स्लूज गेट पर अधिकारी अपनी नजर जमाए हुए हैं। जलस्तर बढ़ा तो इसे भी सुरक्षा के मद्देनजर बंद कर दिया जाएगा। हालांकि, गनीमत है कि शहर में बारिश नहीं हो रही है, वरना हालात ज्यादा नाजुक हो सकते थे।

बुधवार को नदियों का जलस्तर

फाफामऊ- 80.36 मीटर

छतनाग- 79.44 मीटर

नैनी- 80.14 मीटर

खतरे का निशान- 84.370 मीटर

Posted By: Inextlive