पहाड़ का पानी, मैदान में चिंता
रोजाना बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, मध्य प्रदेश में भी शुरू हो गई बारिश
यमुना में भी उफान की आशंका, प्रशासन हुआ सतर्क ALLAHABAD: पश्चिमी उप्र में आए जबरदस्त मानसून ने एक बार फिर प्रशासन की नींद उड़ा दी है। जिस तरह से गंगा का जलस्तर रोज बढ़ रहा है, उससे इस साल भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। खतरे को भांपकर घाटिया स्थान बदलने लगे हैं। उन्होंने दुकानें कई मीटर पीछे खिसका ली हैं। हालांकि, अभी मप्र में बारिश उतनी अधिक नहीं हो रही है। ऐसे में यमुना शांत हैं। पहाड़ी नदियों के चलते केन, बेतवा और चंबल में पानी का जलस्तर बढ़ा तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं। रोज पांच सेमी बढ़ रहा पानी गंगा का जलस्तर रोज पांच सेमी बढ़ रहा है एक सप्ताह में 30 सेमी पानी बढ़ चुका है आबादी की ओर पानी बढ़ने का खतरा बढ़ाघाट पर बसे लोगों ने पीछे हटना शुरू किया
सिंचाई विभाग गंगा की हलचल पर नजर जमाए मध्य प्रदेश की चंबल, बेलन व केन नदियां अभी खामोश हैं इनमें कई पहाड़ी नदियां भी मिली हैं वहां से आने वाला पानी यमुना के जरिए इलाहाबाद में हलचल मचा सकता हैपिछले यमुना के उफान ने मिलकर कई इलाकों को डुबो दिया था
कछार के लोगों ने कई दिनों तक बाढ़ का प्रकोप झेला था गंगा में कानपुर के गंगा बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है उत्तराखंड में तेज बारिश हुई तो भी बढ़ेगा गंगा का जलस्तर संगम नोज पर भी कटान तेज हो गई है गंगा- 76.60 मीटर यमुना- 72.20 मीटर डेंजर लेवल- 84.734 मीटर गंगा में एक सप्ताह में 30 सेमी पानी बढ़ा है अभी हालात काबू में हैं। एमपी और उत्तराखंड में जोरदार बारिश हुई तो गंगा के साथ यमुना में उफान आ सकता है। हमने बाढ़ से निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं। -मनोज सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड