ह्यूमिडिटी बढ़ा रही है तनाव शरीर में हो रही पानी की कमीबचने के लिए ले रहे दवाओं का सहारा

ALLAHABAD: अक्टूबर के मौसम में भीषण उमस तनाव को दावत दे रही है। ह्यूमिडिटी का यह लेवल दिमाग के लिए घातक साबित हो रहा है। यही कारण है कि ओपीडी में रोजाना ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उनका कहना है कि लगातार सिर में दर्द बने रहने से तनाव की स्थिति पैदा हो रही है। हालांकि, डॉक्टर्स का कहना है कि थोड़ी सी होशियारी बरतने से तनाव से निजात पा सकते हैं।

 

कम हो रही रातों की नींद

मरीजों का कहना है कि लगातार उमस के चलते लगातार पसीना निकलने और चिड़चिड़ेपन की शिकायत हो रही है। रातों की नींद भी हराम हो रही है। ऐसे में तनाव बढ़ रहा है। सिर में दर्द की शिकातय भी हो रही है। ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बीस फीसदी तक बढ़ गई है। मरीजों में ओल्ड एजग्रुप के साथ युवाओं की संख्या भी शामिल है। तनाव से बचने के लिए वह डॉक्टरों के चक्कर काट रहे हैं।

 

पसीना निकले तो पानी भी पीजिए

अगर आपको उमस में अधिक पसीना निकलता है तो शरीर में पानी की मात्रा भी मेंटेन रखनी होगी। डॉक्टरों का कहना है कि अधिक पसीना निकल जाने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इससे बॉडी पर पड़ने वाला दबाव सीधे दिमाग को प्रभावित करता है। अधिकतर कम पानी पीने वालों को तनाव की अधिक शिकायत देखने को मिलती है।

 

ऐसे कूल रखें अपना दिमाग

गर्मी में बॉडी का मेटोबोलिज्म तेज हो जाता है इससे अधिक एनर्जी की आवश्यकता होती है। फल और ताजी-हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

-हर घंटे एक गिलास पानी जरूर पिएं।

-गर्मी में अधिक से अधिक सूती कपड़ों का उपयोग करें।

- नशे का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।

- बार-बार ठंडा और गर्म का सेवन करने से बॉडी का टेम्प्रेचर डिस्टर्ब हो जाता है।

अधिक पसीना निकल जाने से तनाव बढ़ता है। इसलिए उमस में अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। मनोरोगियों को इस सीजन में अपना अधिक ख्याल रखना होगा। बेहतर डाइट बॉडी के लिए सपोर्टिग हो सकती है।

डॉ। अभिनव टंडन, मनोचिकित्सक

Posted By: Inextlive