1950 के दशक से ही वैज्ञानिकों ने हवा में उड़ने वाली कार की कल्पना शुरू कर दी थी। लेकिन इस दिशा में की गई कोशिशें अब तक नाकाम ही रही हैं।


बेहतरीन कान्सेप्ट और कार के साथ साथ प्लेन के वर्किंग मॉडल के बावजूद इसे हवा में उड़ाने के प्रयोग हमेशा निराश करने वाले रहे।लेकिन जल्दी ही ये निराशा दूर होने वाली है. बॉस्टन की एक कंपनी की टेराफूगिया टीएफ-एक्स को हवा में उड़ने वाले कार के कामयाब मॉडल के तौर पर देखा जा रहा है।फिलहाल इसका उत्पादन शुरू नहीं हुआ है लेकिन इसे भविष्य के परिवहन के तौर पर देखा जा रहा है जो आपको सड़क और रनवे के ट्रैफिक से बिलकुल मुक्त कर सकता है।ये उड़ने वाली कार किस तरह से काम करेगी, ये आप वीडियो में देख सकते हैं।कैसे उड़ेगी कार?
इस रफ़्तार से देखें तो लंदन से जिनेवा की दूरी तीन घंटे में पूरी की जा सकती है। दिल्ली से लखनऊ दो घंटे से भी कम समय में पहुंच सकते हैं, जबकि लगभघ एक घंटे से आप दिल्ली से जयपुर पहुंच सकते हैं और आपको किसी ट्रैफ़िक जाम में भी फंसना नहीं होगा।यानी यह भविष्य की कार और हवाई उड़ान दोनों की तस्वीर बदल कर रख देगा।हालांकि इस कार के तैयार होने में अभी भी कुछ बुनियादी समस्याएं हैं।


टेराफूगिया ने भरोसा जताया है कि हवा में उड़ने वाली कार का उत्पादन आठ से बारह साल के बीच में शुरू हो जाएगा।ऐसे में जाहिर है कि ये कार वास्तिवक तौर पर अगले दशक के मध्य में सामने आ पाएगी। हालांकि उससे पहले इसका टेस्ट रन भी देखने को मिलेगा।सैद्धांतिक तौर पर यह कार पूरी तरह से सुरक्षित दिखाई दे रही है, लेकिन हवा में उड़ने को लेकर कानूनी प्रावधानों की जरूरत होगी।जिस तरह से हवा में निजी विमान को उड़ान भरने की इजाजत दी जाती है, उसी तरह से उड़ने वाली कारों के लिए भी व्यवस्था करनी होगी।इसके साथ ही अगले आठ से बारह सालों के बीच दुनिया भर के देशों के कानून निर्माताओं को इस कार के लिए सर्वमान्य एयर रूट की व्यवस्था पर काम करना होगा।

Posted By: Satyendra Kumar Singh