-प्रभारी पर 50 हजार रुपए मांगने का आरोप, मोबाइल पर हुई बातचीत की गई रिकॉर्ड

-यूनिवर्सिटी कुलपति के डिसीजन को चांसलर ने दिया ग्रीन सिग्नल

KANPUR : छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी के एग्जाम में नकल रोकने के लिए निकले एक उड़नदस्ते पर कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने वसूली का आरोप लगाया था। कॉलेज ने आरोप लगाते हुए मोबाइल रिकॉर्डिग भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को सौंपी थी। वाइस चांसलर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उड़नदस्ता प्रभारी को दस साल के लिए उड़नदस्ते से और दो साल के लिए यूनिवर्सिटी के पूरे एग्जाम सिस्टम से आउट कर दिया है। इस मैटर पर आरोपी प्रो। कोर्ट गए, जहां से उन्हें रिलीफ नहीं मिली कोर्ट ने मैटर का चांसलर के यहां ले जाने फरमान जारी कर दिया। चांसलर ने कुलपति के डिसीजन को सही ठहराया है।

50 हजार रुपए की िडमांड की

एग्जामिनेशन कंट्रोलर राज बहादुर यादव ने बताया कि बीती 19 मार्च को अभिनव सेवा संस्थान में यूनिवर्सिटी का उड़नदस्ता क्राइस्टचर्च कॉलेज के प्रो। डॉ। निरंजन स्वरूप की लीडरशिप में गया था, जहां पर परीक्षा व्यवस्था देखने के बाद कॉलेज मैनेजमेंट से मोबाइल फोन पर 50 हजार रुपए रिपोर्ट देने के नाम पर डिमांड की। डॉ। स्वरूप के साथ दस्ते के मेंबर्स में डॉ। नुपुर बुधौलिया डीएवी कॉलेज, डॉ। संदीप दीक्षित वीएसएसडी कॉलेज, डॉ। बीके त्रिपाठी डीएवी कॉलेज के टीचर थे। कॉलेज प्रशासन ने इस मैटर की शिकायत 21 मार्च को की थी। जिसे वाइस चांसलर ने गंभीरता से लिया था। मोबाइल रिकॉर्डिग में कुलपति व परीक्षा नियंत्रक का भी नाम लिया गया।

डिसीजन को रखा बरकरार

पूरे प्रकरण की जांच के बाद डॉ। निरंजन स्वरूप को परीक्षा नियंत्रक ने इन्हीं आरोप पर दो साल के लिए परीक्षा के किसी भी कार्य और दस साल के लिए उड़नदस्ते से बाहर करने का फरमान जारी कर दिया। जिसके विरोध में आरोपी प्रोफेसर हाई कोर्ट गए जहां से उन्हें चांसलर के यहां मामला ले जाने का आदेश दिया गया। चांसलर ने पूरा मामला देखा और 12 अक्टूबर को कुलपति के पूर्व में दिए गए डिसीजन को सही ठहरा दिया।

Posted By: Inextlive