- फॉरेंसिक विभाग और तकनीकी टीमें हादसे के दसवें दिन भी नहीं दे सकीं रिपोर्ट

- क्राइम ब्रांच और मजिस्ट्रेट नहीं पहुंच पा रहे किसी नतीजे पर

वाराणसी फ्लाईओवर हादसे की जांच महज एक 'रिपोर्ट' के बिना अटकी पड़ी है। रिपोर्ट कुछ और नहीं बल्कि हादसे की तकनीकी वजह की है। लगभग आधा दर्जन अलग-अलग एजेंसियां भी घटनास्थल की जांच के बाद किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी हैं। इसकी वजह से जांच भी प्रभावित हो रही है।

एक्सप‌र्ट्स ने की थी जांच

15 मई को कैंट स्टेशन के पास निर्माणाधीन फ्लाईओवर की 160 टन से ज्यादा वजनी बीम सड़क पर गिर पड़ी। सड़क पर जाम लगा हुआ था जिससे बीम के नीचे एक रोडवेज बस समेत आधा दर्जन गाडि़यां दब गई। हादसे में 15 लोगों की मौत हुई जबकि 10 घायल हुए। 16 मई से जांच का क्रम शुरू हुआ तो कई तकनीकी टीमों ने घटनास्थल पर जांच की। बनारस और लखनऊ की फॉरेंसिक टीमों ने भी मौके से साक्ष्य बटोरे। पीडब्ल्यूडी की तकनीकी ऑडिट टीम और आईआईटी के विशेषज्ञों ने भी जांच की। निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री भी जांच के लिए लैब में भेजी गई थी। मगर पूरे मामले में अब तक कोई भी एजेंसी रिपोर्ट नहीं दे सकी है।

बयान जारी, रिपोर्ट का इंतजार

जनपद स्तर पर दो जांचें चल रही हैं। डीएम के आदेश पर मजिस्ट्रेटी जांच एडीएम फाइनेंस कर रहे हैं तो क्राइम ब्रांच भी सिगरा थाने में दर्ज मुकदमे की जांच में लगा हुआ है। क्राइम ब्रांच ने फ्लाईओवर निर्माण से जुड़ी सभी फाइलें कब्जे में ले ली हैं। दोनों ही जांचों में घायलों के अलावा प्रत्यक्षदर्शियों और सस्पेंड अफसरों के बयान दर्ज हो चुके हैं। मगर तकनीकी रिपोर्ट नहीं मिलने से जांच अटकी हुई है।

बयान

हादसे से जुड़े सभी पहलुओं को टटोला जा रहा है। तकनीकी जांच के लिए भी फॉरेंसिक और इंजीनियरों की टीम की मदद ली गई है। इनकी रिपोर्ट आने के बाद ही जांच में कोई निष्कर्ष निकल सकेगा।

ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive