बुधवार की रात आयुक्त आशीष गोयल ने दूसरे लेन का किया शुभारंभ, कार से सबसे आगे चले

रास्ते में गाड़ी रोककर काम करते हुए हेड मेसन को दी बधाई और बख्शीस

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धूमनगंज की तरफ से आने वाले लोगों ने बुधवार की रात से हाई कोर्ट फ्लाई ओवर के दोनो लेन पर फर्राटा भरना शुरू कर दिया। पहले से ही दो लेन पर आवागमन शुरू हो जाने के बाद बुधवार की रात बाकी दोनो लेन का शुभारंभ भी कमिश्नर आशीष गोयल ने कर दिया। उनकी कार सबसे पहले इस लेन में दौड़ी। इसका बड़ा फायदा अधिवक्ताओं को होगा और निर्माण कार्य के चलते क्रिएट हुआ पानी टंकी ओवरब्रिज पर रश कम होने की संभावना भी बन गयी है।

करियप्पा रोड से एकलव्य चौराहे तक

करियप्पा द्वार से एकलव्य चौराहे के बीच में स्थित हाई कोर्ट के चलते दिन में लम्बा जाम लगता था। इसी के चलते हाई कोर्ट फ्लाई ओवर की पृष्ठभूमि तैयार हुई। पिछले साल इस पर काम शुरू हुआ था। इसके चलते शहर की ओर से जाने वाले ट्रैफिक को कैंटोमेंट एरिया से निकाला जा रहा था। दूसरा रास्ता चौफटका पुल था जिसके चलते लूकरगंज, खुल्दाबाद से लेकर पानी टंकी तक जाम लगता था। फ्लाई ओवर का शुभारंभ इन समस्याओं का समाधान देगा। इसके एक हिस्सा का इनॉगरेशन पिछले हफ्ते यहां आए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विनीत सरन ने किया था। इससे दो लेन में आवागमन शुरू हो गया था।

परियोजना प्रमुख ने बतायी डिटेल

बुधवार को बाकी बची दो लेन पर सबसे पहले प्रयागराज के मण्डलायुक्त डॉ। आशीष कुमार गोयल चले। इसके बाद दोनों तरफ के चारों लेन को चालू कर दिया गया। फ्लाईओवर के प्रारम्भ में ही सेतु निगम के इस परियोजना के प्रमुख सतीश कुमार अपने कनिष्ठ अभियन्ताओं और कर्मी दल के साथ फ्लाईओवर पर मौजूद रहे। उन्होंने फ्लाईओवर पर यात्रा शुरू करने से पहले आयुक्त को पुल के बारे में जानकारी दी।

मजदूरों को देख रोक दी कार

इस पर चलने के पहले मण्डलायुक्त ने सेतु निगम के परियोजना प्रमुख और सभी अभियन्ताओं एवं मजदूरों को बधाई दी। कहा कि रिकार्ड समय में निर्माण में सबसे अहम भूमिका उन मजदूरों की है जिन्होंने रात दिन एक करके इतने बड़े काम को अंजाम दे दिया। कार में पत्‍‌नी सलोनी गोयल के साथ चलते हुए मण्डलायुक्त ने पुल के बीच में व्यूकटर लगवा रहे हेड मेसन राम सिंह को पहचान कर कार रोक दी और बधाई के साथ बख्शीस के रूप में पूरी टीम को दो हजार रुपये दिये।

फ्लाईओवर की खासियत

1.4 किलोमीटर लम्बा यह प्रयागराज में अकेला फ्लाईओवर है

इसका निर्माण सिग्नल पियर पर चार लेन में बनाया गया है

सेतु निर्माण की इंजीनियरिंग में यह एक अनूठा एवं सफल प्रयोग है, जो उत्तर भारत में कहीं-कहीं ही अपनाया गया है

14 महीने लगे हैं पुल का निर्माण पूरा होने में

Posted By: Inextlive