चारा घोटाला के 5वें मामले में लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाई गई। इसके अलावा 60 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को 15 फरवरी को अदालत ने दोषी ठहराया था।


रांची (आईएएनएस)। रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद को 139.35 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार घोटाले में पांच साल के कारावास की सजा सुनाई और उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह चारा घोटाला का पांचवां मामला था। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री 75 वर्षीय लालू प्रसाद यादव को अन्य आरोपियों के साथ 15 फरवरी को अदालत ने दोषी ठहराया था। वह न्यायिक हिरासत में है और खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया गया है।पहले चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में दोषी पाए गए


लालू के अलावा अदालत ने मामले में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, लोक लेखा समिति के अध्यक्ष ध्रुव भगत सहित 74 अन्य को दोषी ठहराया था, जबकि 24 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। इससे पहले, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में दोषी पाया गया था। घोटाले से जुड़े पांचवें मामले में 1996 में डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और बाद में सीबीआई ने जांच के लिए मामले को अपने हाथ में लिया। प्रारंभ में मामला संख्या आरसी 47 ए/96 में कुल 170 भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।

जांच एजेंसी ने मामले में 15 दस्तावेज पेश किएइसमें से 55 की मौत हो चुकी है, सात गवाह बन गए हैं, दो ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है जबकि छह अभी भी फरार हैं। सीबीआई की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 575 लोगों ने, जबकि प्रतिवादियों की ओर से 35 लोगों ने गवाही दी। जांच एजेंसी ने मामले में 15 दस्तावेज पेश किए। पशुपालन विभाग में पशुओं के परिवहन और उनके चारे की व्यवस्था के नाम पर करोड़ों रुपये अवैध रूप से निकाले गए। जानवरों में बैल, भैंस, गाय, बकरी और भेड़ शामिल थे। परिवहन के लिए विभाग द्वारा जमा किए गए दस्तावेज फर्जी पाए गए।लालू के पास वित्त मंत्रालय का पोर्टफोलियो था

दस्तावेजों में दिखाए गए वाहन नंबर स्कूटर, मोपेड और मोटरसाइकिल के थे। मामले 1990-1996 की अवधि के दौरान हुए। बिहार कैग ने बार-बार भ्रष्टाचार की जानकारी सरकार को भेजी थी, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। सीबीआई ने अदालत में दस्तावेज पेश किए, जिससे पता चला कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने सब कुछ जानने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। लालू के पास वित्त मंत्रालय का पोर्टफोलियो भी था। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद छह बार जेल जा चुके हैं, लेकिन हर बार हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है

Posted By: Shweta Mishra