आगरा। शहर में मच्छरों की भरमार है तो वहीं अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गंदगी और जलभराव के कारण मच्छर तेजी से पनप रहे हैं। इनके कारण लोग संक्रामक रोगों की चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रामक रोगों को रोकने के लिए वादे तो बड़े किए लेकिन उनके ये वादे अमल में नहीं आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी विभागों को संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रम से जोड़ा था। उसके बाद भी शहर की तंग बस्तियों में फैली गंदगी और जलभराव को नही रोका जा सका। अगस्त माह में ही डेंगू के एक और मलेरिया के करीब 28 मरीजों के केस सामने आ चुके हैं। इसके अलावा तीन बच्चों में स्वाइन फ्लू भी पॉजिटिव पाया गया है।

ओपीडी में आ रहे रोजाना 300 मरीज

लोहामंडी, जगदीशपुरा, पथौली, आवास विकास जैसे कई क्षेत्रों में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं है। बरसात के दौरान कई दिनों तक जलभराव रहता है। सड़क पर फैला कूड़ा कई दिनों तक सड़ता रहता है। ऐसे में संक्रामक रोगों को फैलने में गति मिल जाती है। एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में रोजाना 300 से अधिक मरीज बुखार से पीडि़त आ रहे है। कई दिनों तक बुखार रहने पर एसएन की माइक्रोबॉयोलॉजी में खून की जांच भी कराई जा रही है।

पुष्टि होने के बाद होती है कार्यवाही

स्वास्थ्य विभाग ने संक्रामक रोग माह नियंत्रण के अंतर्गत सभी क्षेत्रों में फॉगिंग के निर्देश जारी किए थे, लेकिन कहीं कोई एंटी लार्वा एवं छिड़काव नहीं किया गया। मरीजों में संक्रामक रोगों की पुष्टि हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग टीम भेजकर ग्रसित लोगों के क्षेत्र में छिड़काव व दवाइयां वितरित करा रहा है, जिससे अन्य लोगों को बीमारी से दूर रखा जा सके। सड़कों पर छिड़काव की फर्जदाही करके टीमें घनी बस्तियों को छोड़ देती हैं। साफ-सफाई न रहने के कारण इन बस्तियों में से ही सबसे ज्यादा मरीज निकल रहे हैं।

वर्जन

घरों के आस-पास सफाई रखने की सलाह दी गई है। बुखार ज्यादा दिनों तक आने पर डॉक्टर को जरूर दिखाए। रैपिड रिस्पांस टीम को गठित कर दिया गया है। क्षेत्रों में छिड़काव कराया जा रहा है।

डॉ। मुकेश वत्स, सीएमओ, स्वास्थ्य विभाग

Posted By: Inextlive