क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी के लोग मच्छरों के आतंक से परेशान हैं. लेकिन नगर निगम फॉगिंग कराने को लेकर गंभीर नहीं था. इस बीच जब मच्छरों ने अधिकारियों की नींद में खलल डाला तो आनन-फानन में सिटी के लिए फॉगिंग का रोस्टर तैयार भी कर दिया गया है. वहीं 4 गाडि़यों के सहारे 53 वार्डो में फॉगिंग कराई जाएगी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक बार फॉगिंग के बाद फिर दोबारा उस वार्ड का नंबर कब आएगा? बताते चलें कि नगर निगम ने पूरी सिटी में फॉगिंग के लिए एक महीने का रोस्टर तैयार किया है.

फॉगिंग के नाम पर सिर्फ आईवॉश

फॉगिंग के लिए नगर निगम के पास 15 गाडि़यां हैं. दो साल पहले रांची नगर निगम ने 12 मशीनें खरीदी थीं, जिसमें से 10 मशीनें खराब पड़ी हुई हैं. वहीं एक मशीन को वीआईपी फॉगिंग के लिए रखा गया है. अब स्थिति यह है कि मेंटेनेंस के अभाव में मशीनें स्क्रैप में तब्दील हो रही हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम फॉगिंग के नाम पर केवल आईवॉश कर रहा है. चूंकि जब नगर निगम की गाडि़यां ही दुरुस्त नहीं होंगी तो हर वार्ड में रेगुलर फॉगिंग कैसे होगी.

वार्ड में दोबारा फॉगिंग का पता नहीं

फॉगिंग के लिए अप्रैल महीने का रोस्टर तैयार कर दिया गया. रोस्टर के हिसाब से एक अप्रैल को चार मशीनें वार्ड नंबर 4, 17, 30 और 42 में फॉगिंग करके चली गईं. इसके बाद उस वार्ड में दोबारा कब फॉगिंग कराई जाएगी, इसकी जानकारी नहीं दी गई है. ऐसे में जब वार्ड में रेगुलर फॉगिंग नहीं होगी तो मच्छरों के पनपने की संभावना बढ़ जाएगी. वहीं लोगों को मच्छरों के डंक से छुटकारा भी नहीं मिलेगा.

डेमो के बाद आगे नहीं बढ़ी कोल्ड फॉगिंग

मच्छरों से निपटने के लिए नगर निगम ने कोल्ड फॉगिंग की योजना बनाई थी. इसके बाद तीन मशीनों की खरीदारी के लिए टेंडर भी फाइनल हो गया और मशीन सप्लाई के लिए आर्डर भी कर दिया गया. जिसमें एक-एक मशीन 35 लाख रुपए की थी. इसे लेकर कुछ वार्डो में डेमो भी किया गया. लेकिन आजतक न तो मशीन आई और न ही रेगुलर कोल्ड फॉगिंग की योजना बनी.

वर्जन

हमारे पास जितनी गाडि़यां चालू हालत में हैं, उसके हिसाब से रोस्टर बनाया गया है. जैसे ही दूसरी गाडि़यां दुरुस्त होंगी तो रोस्टर में बदलाव किया जाएगा. कोल्ड फॉगिंग भी वार्डो में जल्द शुरू होगी. फिलहाल तो एक महीने का रोस्टर तैयार है. वहीं मॉनिटरिंग करने का भी आदेश दिया गया है. जीपीएस के साथ फोटो भी भेजने का निर्देश दिया गया है. डॉ. किरण कुमारी, असिस्टेंट हेल्थ ऑफिसर, आरएमसी

Posted By: Prabhat Gopal Jha