-मानदेय बढ़ाने व बकाया धनराशि के लिए आंदोलनरत हैं लोक संस्कृति कर्मी

-आरोप हैं डेढ़ साल से लोक कर्मियों का उधार तक चुकता नहीं कर पाया विभाग

DEHRADUN: सूबे की लोक कला संस्कृति को बढ़ावा देने का जिन लोक कलाकार पर जिम्मा है, उनके लाखों रुपए का मानदेय विभाग मानो डकार गया है। पिछले डेढ़ साल से उनका मानदेय नहीं मिल पाया है। हालात यह है कि मजबूर होकर लोक कलाकार अब सड़कों पर हैं। कलाकारों ने उनका मानदेय न होने तक सभी कार्यक्रम स्थगित करने का फैसला ि1लया है।

8ख् लाख की राशि नहीं मिल पाई

सूबे में संस्कृति विभाग के अधीन वर्तमान समय में क्0फ् सांस्कृतिक दल रजिस्टर्ड हैं। जिन्हें संस्कृति विभाग की तरफ से तमाम आयोजनों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। हालांकि मार्च ख्0क्म् तक राज्य में क्8म् सांस्कृतिक दल पंजीकृत थे, इनमें से करीब 8फ् दलों को फिलहाल अनियमित किया गया है। एक दल में कलाकारों की संख्या ख्0 रहती है। लेकिन सांस्कृतिक दलों के आरोप हैं कि संस्कृति विभाग की तरफ से पिछले डेढ़ सालों से उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। इस मानदेय की धनराशि करीब 8ख् लाख से अधिक बताई गई है।

कलाकारों का अक्टूबर तक बायकॉट

बीते शुक्रवार को हिमालय लोक कल्याण समिति के बैनर तले तमाम सांस्कृतिक दलों के कलाकारों ने बाकायदा संस्कृति निदेशालय गेट पर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी किया था। कलाकारों की मांग है कि जब तक उनकी मांगों पर गौर नहीं होगा तब तक वे कोई भी लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां नहीं देंगे। इसके लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह की समय सीमा भी तय की है। हिमालय लोक कल्याण समिति के महासचिव प्रेम देवराड़ी का कहना है कि अब फैसला संस्कृति विभाग व सरकार को करना है।

::क्या हैं लोक कलाकारों की मांगें::

-कलाकारों को मिलने वाला मानदेय ब्00 रुपए को बढ़ाया जाए।

-मानदेय ब्00 में से ब्0 रुपए भी टीडीएस कटता है।

-ख्00 रुपए का मिलने वाला डीए भी बढ़ाया जाए।

-दल नायक को भी मिलने वाला भ्00 रुपए का मानदेय बढ़ाया जाए।

-ख्भ्0 रुपए डीए को बढ़ाने के लिए विभाग व सरकार संस्तुति दे।

आईकार्ड की सुविधा शुरूहुई थी

महासंघ के महासचिव के अनुसार ख्0क्0-क्क् में सरकार ने कलाकारों के लिए आईकार्ड की व्यवस्था शुरू की थी। लेकिन एक साल बाद ही वह सुविधा बंद हो गई। बताया गया कि उस वक्त के आई कार्ड से कोई सुविधा नहीं मिल पा रही थी।

निशंक के शासनकाल में बढ़ा था मानदेय

डा। रमेश पोखरियाल निशंक के मुख्यमंत्रित्वकाल में कलाकारों का मानदेय क्भ्0 से ब्00 रुपए किए जाने की मंजूरी मिली। लेकिन तब से लेकर अब तक वही व्यवस्था प्रदेश में है।

ख्0क्ब् में नई व्यवस्था हुई लागू

कलाकारों का कहना है कि ख्0क्ब् में केंद्र ने लोक कलाकारों को 800 व डीए भ्00 और दल नायक को एक हजार व भ्भ्0 डीए देने पर मंजूरी दी है। वहीं कलाकारों के अकाउंट में हफ्तेभर के भीतर धनराशि उपलब्ध हो जाती है। उत्तराखंड में केंद्र की नीति लागू बताई गई है।

Posted By: Inextlive