अब पैसेंजर्स की मर्जी 'घटिया' भोजन करें या नहीं
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रुपये है हावड़ा-सियालदह राजधानी में इलाहाबाद से नई दिल्ली के टिकट पर कैटरिंग चार्ज 260 रुपये हैं हावड़ा-सियालदह राजधानी में इलाहाबाद से नई दिल्ली के फर्स्ट क्लास टिकट पर कैटरिंग चार्ज 90 रुपये है इलाहाबाद दूरंतो एक्सप्रेस में इलाहाबाद से नई दिल्ली के टिकट पर कैटरिंग चार्ज 145 से 250 रुपये तक है शताब्दी एक्सप्रेस में कैटरिंग चार्ज राजधानी, शताब्दी और दूरंतों में अब टिकट के साथ फूड चार्ज नहीं होगा अनिवार्य भोजन की घटिया क्वालिटी को लेकर सीएजी रिपोर्ट आने के बाद रेलवे ने किया बदलाव balaji.kesharwani@inext.co.inALLAHABAD: सीएजी की रिपोर्ट में ट्रेनों में घटिया क्वालिटी का भोजन परोसे जाने का सच सामने आने के बाद रेलवे ने सुधार के लिए कदम बढ़ाए हैं। इसी के तहत अब एक अगस्त से रेलवे राजधानी, शताब्दी और दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में टिकट बुकिंग के साथ कैटरिंग शुल्क की बाध्यता को समाप्त करने जा रहा है। अब यह पैसेंजर्स की इच्छा पर निर्भर होगा।
तो कम हो जाएगा किराया एक अगस्त से राजधानी, शताब्दी और दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर सस्ता हो जाएगा, यदि पैसेंजर्स कैटरिंग सुविधा नहीं लेते हैं तो किराया 90 से 260 रूपये तक कम हो जाएगा। अभी काउंटर पर ही सुविधाएक अगस्त से राजधानी, शताब्दी और दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट लेते समय पैसेंजर्स से पूछा जाएगा कि उन्हें कैटरिंग की सुविधा लेनी है या नहीं। फिलहाल अभी कुछ दिनों तक रिजर्वेशन काउंटर से टिकट बुक करने पर ही यह सुविधा मिलेगी। ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर अभी कैटरिंग का शुल्क देना अनिवार्य है। जल्द ही आनलाइन में भी यह सुविधा शुरू होगी।
कैटरिंग चार्ज को वैकल्पिक बनाने का आदेश मिल गया है। रिजर्वेशन ऑफिस के सिस्टम को अपडेट कर दिया गया है। ट्रेनों में खानपान की व्यवस्था सुदृढ़ करने का भी प्रयास चल रहा है। सुनील कुमार गुप्ता पीआरओ, डीआरएम, इलाहाबाद अक्सर शताब्दी से सफर करता हूं। खाने की क्वालिटी काफी घटिया है। टिकट के साथ कैटरिंग चार्ज जुड़ने से भोजन लेना मजबूरी होती है। अब ये मजबूरी समाप्त हो जाएगी। मनोज अग्रवाल, आगरा राजधानी और शताब्दी में खाना व नाश्ता के नाम पर जो कैटरिंग शुल्क लिया जाता है। उसके अनुसार खाने की क्वालिटी 25 प्रतिशत ही होती है। 75 प्रतिशत रेट तो बेकार ही जाता है। आरके शर्मा, आगरा कुछ दिनों पहले सीएजी ने जो रिपोर्ट दी वह बिल्कुल सही है। ट्रेनों में खाने की क्वालिटी घटिया नहीं बल्कि बहुत घटिया है। रेलवे को पूरे कैटरिंग सिस्टम को ही बदलना चाहिए। मनमोहन छाबड़ा, देहरादूनकैटरिंग की अनिवार्यता समाप्त करने से समस्या हल नहीं होगी। ट्रेन में सफर के दौरान पैसेंजर्स को भूख लगेगी तो वे कहां जाएंगे। इससे क्वालिटी सुधार पर ध्यान दिया जाए।
रवि कुमार काबरा, देहरादून मेरा ये मानना है कि जब मार्केट में, सड़क किनारे लगने वाले ठेले पर शुद्ध भोजन लोगों को मिल सकता है तो फिर ट्रेन में या स्टेशन पर निर्धारित रेट में शुद्ध भोजन क्यों नहीं मिल सकता? लल्लू लाल, राजापुर अधिक रुपया लेकर घटिया क्वालिटी का भोजन पैसेंजर्स को केवल राजधानी, शताब्दी और दूरंतो में ही नहीं बल्कि मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में भी दिया जाता है। राजेश कुमार