- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान का स्थापना दिवस मना

- सब्जी फसलों की 100 से ज्यादा किस्मों का विकास

VARANASI

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में शनिवार को स्थापना दिवस मनाया गया। रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विवि के वीसी ने प्रोफेसर अरविन्द कुमार ने बताया कि खाद्यान उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने आत्मनिर्भरता अर्जित कर ली है, लेकिन पोषण और आजीविका सुरक्षा सुरक्षित करने में गुणवत्तापूर्ण सब्जी उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वर्तमान में औद्यानिक फसलों का उत्पादन खाद्यान फसलों की अपेक्षा ज्यादा हो रहा है। इससे पोषण सुरक्षा से लड़ने में सफलता मिलेगी। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित उन्नतशील किस्मों एवं तकनीकों की सराहना की। डॉ। मंगला राय ने सब्जी किसानों के लिए बदलते जलवायु परिवर्तन के युग में मृदा स्वास्थ्य एवं जल प्रबंधन द्वारा टिकाऊ कृषि पर बल दिया। संस्थान के स्थापक निदेशक डॉ। गौतम कल्लू ने कहा कि अपने कठिन प्रयासों की बदौलत आज इस संस्थान ने सब्जी शोध के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किये हैं। चावल अनुसंधान केंद्र के डॉ। अरविन्द कुमार ने संस्थान की उपलब्धियां गिनाई। डा। रमेश चन्द्र ने जैविक खेती से जुड़ी भ्रांतियों से किसानों को सतर्क रहने एवं गुणवत्तापूर्ण सब्जी उत्पादन करने पर बल दिया। निदेशक डॉ। जगदीश सिंह ने कहा कि संस्थान द्वारा अब तक विभिन्न सब्जी फसलों की 100 से ज्यादा किस्मों एवं शंकरों का विकास किया गया है, जो किसानों के बीच लोकप्रिय है। कार्यक्रम में ओमप्रकाश दुबे, रामेश्वर ने सब्जी उत्पादन से जुड़ी सफलता की कहानी सुनाया। इस मौके पर डॉ। सुधीर सिंह, डॉ। रजनीश श्रीवास्तव, अशोक सिंह, उदय नारायण तिवारी, कमलेश को सम्मानित किया गया। प्रगतिशील किसानों में आनंद कुमार पटेल, मन्नू यादव, शीतला देवी को भी सम्मानित किया गया। संचालन नीरज सिंह और धन्यवाद डॉ। पीएम सिंह ने किया।

Posted By: Inextlive