खाद्य सुरक्षा अधिनियम की वेबसाइट बार-बार हैंग होने से मुश्किल में आवेदक

लोकवाणी केंद्रों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं लोग

ALLAHABAD:

बार-बार शिकायत के बावजूद खाद्य सुरक्षा अधिनियम की वेबसाइट की हालत नहीं सुधर रही है। आवेदकों को अभी भी ऑनलाइन राशन कार्ड बनवाने के लिए लोकवाणी केंद्रों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उन्हें हर बार यही जवाब मिलता है कि वेबसाइट हैंग है, बाद में आना। लोगों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

भारी पड़ रहा शासन का नियम

शासन ने गरीबों को सस्ता अनाज उपलब्ध कराने के उददेश्य से खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया है। इसके तहत दो रुपये प्रतिकिलो गेहूं और तीन रुपए प्रतिकिलो किलो की दर से चावल दिया जाएगा। इस योजना में आवेदन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की व्यवस्था की गई है। लेकिन, यह व्यवस्था पब्लिक पर ही भारी पड़ रही है। लोकवाणी केंद्र संचालकों द्वारा आवेदकों को वेबसाइट हैंग होने की समस्या बताकर लौटा दिया जा रहा है।

वरना बढ़ जाती लाभार्थियों की संख्या

अप्रैल में योजना के लाभार्थियों की सूची में 13 हजार लाभार्थियों के नए नाम जोड़े गए हैं। बताया जा रहा है कि अगर वेबसाइट उचित तरीके से काम करती तो यह संख्या इससे ज्यादा हो सकती थी। सबसे बड़ी यह कि ऑनलाइन के अलावा योजना के आवेदन का शासन ने दूसरा ऑप्शन भी नहीं दिया है। यह आवेदन केवल लोकवाणी केंद्रों के माध्यम से ही होगा।

सूची में देख सकते हैं अपना नाम

जिला पूर्ति विभाग के एआरओ नीलेश उत्पल का कहना है कि जिन लोगों के नाम योजना में शामिल हो चुके हैं वह जिला पूर्ति विभाग की वेबसाइट fcs.up.nic.in पर अपना नाम देख सकते हैं। जानकारी के मुताबिक जिला पूर्ति कार्यालय में कई लोगों ने शिकायत की है कि लोकवाणी केंद्रों पर निर्धारित शुल्क जमा कराने के बाद भी उनका नाम सूची में नहीं आया। लोगों ने इसके लिए वेबसाइट को दोषी ठहराया है।

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दोहरी मार खा रही जनता

एक तो वेबसाइट का हैंग होना तो दूसरे लोकवाणी केंद्रों पर ऑनलाइन आवेदन के नाम पर अवैध वसूली से जनता परेशान हो चुकी है। इसकी शिकायत भी जिला प्रशासन और जिला पूर्ति विभाग के पास दर्ज कराई गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एनआईसी ने भी इस मामले में कोई कठोर कदम नहीं उठाया है। कई जगहों से निर्धारित शुल्क बीस के बजाय सौ रुपए वसूले जाने की शिकायतें मिल रही हैं।

Posted By: Inextlive