खाद्य सुरक्षा अधिनियम में जिले का लक्ष्य लगभग पूरा होने की कगार पर

फिर भी चल रहा आवेदन, लोकवाणी केंद्रों द्वारा लूटे जा रहे आवेदक

ALLAHABAD: गरीब और मजबूरों के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम दोहरी मार साबित हो रहा है। एक तो आवेदन कराने के बावजूद सूची में शामिल हो पाना निश्चित नहीं है तो दूसरे लोकवाणी केंद्रों में ऑनलाइन फॉर्म भराए जाने के नाम पर अवैध वसूली जारी है। शासन ने भी जिले में लाभार्थियों का लक्ष्य पूरा हो जाने के बाद भी आवेदन प्रक्रिया पर फिलहाल रोक नहीं लगाई है। जिससे विषम परिस्थितियां पैदा हो रही है।

42 लाख को सस्ता अनाज

जिले की जनसंख्या साठ लाख है और अभी तक लक्ष्य के सापेक्ष कुल 42 लाख लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सस्ता अनाज मुहैया कराया जा रहा है। यह संख्या निर्धारित लक्ष्य के करीब है। ऐसे में नए आवेदकों को सूची में जगह मिलना मुश्किल माना जा रहा है। उधर, लोकवाणी केंद्रों पर ऑनलाइन आवेदन पर रोक नहीं लगने से सुबह से शाम तक आवेदकों की लंबी लाइन लग रही है।

फायदा उठा रहे लोकवाणी केंद्र

बता दें कि अधिनियम के तहत ऑनलाइन आवेदन की निर्धारित दर बीस रुपए है, लेकिन लोकवाणी केंद्र सौ से दो सौ रुपए तक की अवैध वसूली कर रहे हैं। इसकी शिकायत भी की गई लेकिन खास सुनवाई नहीं की गई। ऐसे में नए आवेदक खुलेआम केंद्रों द्वारा ठगे जा रहे हैं। आई नेक्स्ट ने पूर्व में इस मामले को लेकर अभियान भी चलाया था।

बीस से तीस फीसदी का सहारा

इस समय डेढ़ से दो लाख ऑनलाइन आवेदन पेंडिंग हैं। पहले इन्हें अधिनियम में जगह देने की कोशिश चल रही है। शासन का मानना है सूची में शामिल बीस से तीस फीसदी लाभार्थी फर्जी हैं और वेरीफिकेशन के जरिए इनको बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। यह भी बता दें कि अधिनियम के तहत दो रुपए किलो गेहूं और तीन रुपए किलो की दर से चावल उपलब्ध कराया जा रहा है।

फैक्ट फाइल

जिले की कुल आबादी- 60 लाख

लाभार्थियों की संख्या- 42 लाख

सूची में शामिल पात्र गृहस्थियां- 10.26 लाख

पेंडिंग आवेदन- डेढ़ से दो लाख

कुल लक्ष्य-

ग्रामीण एरिया- 79 फीसदी

शहरी एरिया- 64 फीसदी

वेरीफिकेशन में रोजाना पांच से दस लाभार्थियों को सूची से बाहर किया जा रहा है। इनकी जगह पर नए आवेदकों को शामिल किया जाएगा। फिलहाल जिले का निर्धारित लक्ष्य लगभग पूरा हो चुका है।

नीलेश उत्पल, एसआरओ, खाद्य आपूर्ति विभाग

Posted By: Inextlive