खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम का भारतीय अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पडऩे की आशंकाओं को केंद्रीय खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने खारिज कर दिया है. उनके मुताबिक इस कार्यक्रम के अमल में आने पर अगले एक साल में खाद्य सब्सिडी पर 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा जबकि वर्ष 2013-14 के बजट में इस मद के लिए 90 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान पहले से किया जा चुका है.


मूडीज ने बिल का नकारात्मक करार दियाविशेषज्ञों ने खाद्य सुरक्षा कानून से वित्तीय घाटे में और वृद्धि की आशंका जताई है. यहां तक कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी खाद्य सुरक्षा विधेयक को नकारात्मक करार दिया है. इन आशंकाओं को सिरे से नकारते हुए केवी थॉमस ने कहा, ‘मेरा सवाल है कि मान लीजिए खाद्य सुरक्षा विधेयक नहीं है तो क्या जो हो रहा है (रुपये के मूल्य में निरंतर गिरावट) वह नहीं होता.’ उनके मुताबिक चूंकि यह योजना अगले 12 महीनों के दौरान लागू किया जाएगा, इसलिए वित्तीय स्थिति पर इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा. गौरतलब है कि इस योजना पर एक वित्तीय वर्ष के दौरान सवा लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh