देहरादून,

पैदल चलने वाले का हक फुटपाथ को पलटन बाजार के व्यापारियों ने काली कमाई का बड़ा जरिया बना लिया है। आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि यहां फुटपाथ की हर दिन बोली लगती है। बड़े बड़े कारोबारी अपनी दुकानों के बाहर का फुटपाथ फड वालों को प्रति दिन के हिसाब से बोली लगाकर नीलाम करते हैं। दुकानदार को नजराना देकर फड वाले बेखौफ फुटपाथ पर सामान बेचते हैं और पैदल चलने वाले मजबूर सड़क के बीच चलते हैं। हर माह यहां फुटपाथ बेचने का करीब 2 करोड़ रूपए से अधिक का काला कारोबार चल रहा है। ऐसे में पलटन बाजार में इतनी भीड़ हो जाती हैं कि यहां से दिन में टू व्हीलर पर तो दूर पैदल निकलना भी टेडी खीर है।

फड़-फेरी वालों ने खोली पोल:

दून में फुटपाथ पर अवैध कब्जों की न्यूज सीरीज 'खाली करो फुटपाथ' में आज आपको बताते हैं पलटन बाजार की हकीकत। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने पलटन बाजार में दुकानों के बाहर फुटपाथ पर फड़-फेरी लगाकर सामान बेचने वालों से बात की। फड वालों ने पलटन बाजार में फुटपाथ के रेट और अन्य बातों को खुलासा किया।

एक ही बाजार में काली कमाई के तीन रेट

पलटन बाजार के तीन हिस्से हैं। घंटाघर से कोतवाली तक, कोतवाली से धामावाला तक और धामावाला से लक्खीबाग पुलिस चौकी तक। एक ही मार्केट के तीन हिस्सो में फुटपाथ बेचने के तीन अलग अलग रेट हैं।

घंटाघर से कोतवाली तक-45 हजार पर मंथली

घंटाघर से पलटन बाजार में एंटर करते ही फुटपाथ और दुकान के आगे की काफी दूर तक की सड़क फड और फेरी वालों को 1500 रूपए पर डे पर बेची जाती है। एक एक दुकानवाले ने अपने बाहर तीन से चार फेरी वालों की दुकान लगवा रखी है। इसके बदले एक एक फेरी वाले से 500 से 1500 रुपए तक लिए जाते हैं। ऐसे में करीब 45 हजार रुपए पर मंथ एक फड वाले से काली कमाई वसूली जा रही है। इस एरिया में ऊनी कपड़े, बैग और स्पोर्टस वियर के साथ सौंदर्य प्रसाधन बेचने वालों की कब्जा अधिक हैं।

कोतवाली से धामवाला बाजार तक: 15 हजार रुपए पर मंथ

कोतवाली से धामावाला बाजार के बीच 200 से 500 रुपए में फुटपाथ की बोली लगती है। मेन बाजार में तो हाल यह है कि एक दूसरे को फुटपाथ पर जगह दिलाने के बदले नजराने का खेल भी चलता है। यहां अभी मार्केट में सारा फुटपाथ बिका हुआ है। तहसील चौक और कोतवाली के आसपास ही नए व्यक्ति को जगह मिल सकती है। ऐसे में हर माह एक फड वाले से 15 हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। इस एरिया में प्लास्टिक सामान, गिफ्ट आईटम और अन्य फड वाले अधिक हैं।

धामावाला से लक्खीबाग तक:

यहां भीड़ कम रहती है, यहां रेट भी कम हैं। यहां फुटपाथ 100 से 200 रूपए प्रतिदिन में बिकता है। यहां कई लोगों ने स्थायी फड और ठेले लगा दिए हैं। ये दुकानवालों को मंथली किराया भी दे रहे हैं।

राहगीरों का हक छीनकर करोड़ों की काली कमाई:

पलटन बाजार में करीब 300 स्थायी दुकान वाले राहगीरों का हक छीनकर करोड़ों का काला कारोबार कर रहे हैं। एक एक दुकान के बाहर दो से तीन फड वाले अवैध रूप से फुटपाथ पर कब्जा किए हैं। करीब एक हजार अवैध ठेली और फड वाले फुटपाथ पर कब्जा जमाए हैं। उनसे 10 से लेकर 45 हजार रूपए तक वसूले जा रहे हैं। औसत एक माह में एक फड़ वाले से 20 हजार रूपए भी वसूल रहे हैं। ऐसे में अगर हर माह इसका कैलकुलेशन किया जाए तो करीब 2 करोड़ रूपए का काला कारोबार चल रहा है।

निगम की टीम आती है तो सामान अंदर:

काली कमाई के इस खेल को नगर निगम का अतिक्रमण हटाओ दस्ता भी नहीं पकड़ पा रहा.अतिक्रमण हटाओ दस्ता या फिर पुलिस कभी इस एरिया में कार्रवाई के लिए निकलती है तो काला कारोबार कर रहे दुकानदार फड-फेरी वालों का सामान अपनी दुकान के अंदर रख लेते हैं, ऐसे में कार्रवाई करने वाली टीम बैरंग लौट जाती है।

क्लॉक टॉवर से लक्खीबाग तक

1200 मीटर दूरी

फड, और फेरी वाले

1000 से अधिक

2 करोड़ मंथली का काला कारोबार

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इस एरिया के तीन पार्ट

पहला

घंटा घर से कोतवाली

400 मीटर दूरी

800 फुटपाथ पर फड-फेरी वाले

500 से 1500 रुपए प्रतिदिन रेट

दूसरा

कोतवाली से धामावाला

400 मीटर दूरी

150 फड-फेरी वाले

200 से 500 प्रतिदिन रेट

तीसरा

धामावाला से लक्खीबाग चौकी

400 मीटर दूरी

50 से अधिक फड फेरी वाले

100 से 200 रुपए प्रतिदिन रेट

Posted By: Inextlive