मामूली बुखार में भी डेंगू का डर दिखाकर मरीजों को महंगा टेस्ट कराने को कर रहे मजबूर

- डेंगू एलाइजा टेस्ट के लिए पैथ लैब्स वसूल रही मोटे चार्ज

- 1200 रूपये तक खर्च करने पड़ रहे मरीजों को जांच के लिए

- 118 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले हैं अब तक विभाग को

- 100 मरीज रोजाना बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं प्राइवेट लैब में

- 5 से 7 दिन तक रहता है साधारण डेंगू बुखार

- 15 से 20 मिनट लगते हैं रेपिड कार्ड टेस्ट में

- 5 से 6 घंटे लगते हैं सरकारी लैब की एलाइजा टेस्ट में

Meerut । वेक्टर बॉर्न डिजीज का सीजन आते ही पैथालोजी लैब्स खूब चांदी काट रहे हैं। मामूली बुखार में भी डेंगू का डर दिखाकर मरीजों को महंगा टेस्ट कराने पर मजूबर किया जा रहा है। हालांकि, सरकारी लैब में ये टेस्ट फ्री है, लेकिन प्राइवेट लैब्स में फीस के लिए कोई रेग्यूलशन तक नहीं हैं। जिसके चलते लैब संचालक मरीजों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक 118 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले हैं।

ये हैं कीमत

750 रूपये

1200

1000

1000

मामूली बुखार भी डेंगू

डेंगू का सीजन होने की वजह से कई प्राइवेट डॉक्टर्स सीधे ही मरीजों को डेंगू जांच के लिए लिख रहे हैं। मामूली बुखार को डेंगू समझकर मरीज भी मजबूरन मोटी फीस चुकाकर टेस्ट करवा रहे हैं। मरीजों का कहना है कि डॉक्टर्स साफ तौर पर रिस्क लेने से मना कर देते हैं। सबसे पहले ये महंगे टेस्ट ही करवाते हैं। इन दिनों कम से कम 4 से 5 हजार रूपये सिर्फ बुखार के इलाज में खर्च करने पड़ रहे हैं। जबकि सरकारी पैथ लैब में ये जांच पूरी तरह से फ्री हैं।

ये बता रहे कारण

प्राइवेट लैब संचालक डेंगू की जांच रेपिड टेस्ट कार्ड से करते हैं। लैब संचालकों का कहना है कि डेंगू सीजनल होता है। जबकि जांच किट काफी मंगवानी पड़ती है। किट महंगी आती है और सीजन में ही कॉस्ट निकालनी पड़ती है इसलिए टेस्ट महंगे होते हैं।

नहीं हैं नियम

प्राइवेट लैब में तय फीस के कोई मानक नहीं हैं। रेग्यूलशन न होने की वजह से लैब संचालक अपने रेट्स तय कर लेते हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में प्राइवेट संचालकों से अपील ही की गई थी। एक प्राइवेट लैब में हर दिन कम से कम 100 मरीज बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।

ये हैं डेंगू के प्रकार

क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार

साधारण डेंगू बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है जिसके बाद मरीज ठीक हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इसी किस्म का डेंगू बुखार पाया जाता है।

ये हैं लक्षण

-ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार होना।

- सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।

- आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है।

- बहुत कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना।

- गले में हल्का दर्द होना।

- शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना।

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डेंगू हॅमरेजिक बुखार

अगर क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ ये लक्षण भी दिखाई दें तो डीएचएफ हो सकता है। ये हैं लक्षण

- नाक और मसूड़ों से खून आना।

- शौच या उल्टी में खून आना।

- स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े निशान पड़ जाना।

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डेंगू शॉक सिंड्रोम

इस बुखार में मरीज में अन्य लक्षणों के साथ-साथ शॉक की अवस्था के भी कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे कि -

- मरीज को बेचैनी होना।

- तेज बुखार के बावजूद उसकी त्वचा का ठंडा होना।

- मरीज का धीरे-धीरे बेहोश होना।

- मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाना।

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प्राइवेट लैब संचालक कार्ड से टेस्ट करते हैं। हम इनके रेट्स पर लगाम नहीं लगा सकते हैं। रेपिड कार्ड टेस्ट में 15 से 20 मिनट लगते हैं जबकि सरकारी लैब में एलाइजा टेस्ट होता है जिसमें 5 से 6 घंटे लगते हैं। हमने लोगों से अपील की है कि सही जांच के लिए वह सरकारी लैब में ही जांच कराएं।

डा। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ।

Posted By: Inextlive