स्वाति भाटिया

आई एक्सक्लूसिव

-यूपी बोर्ड और सीबीएसई के फर्क को दूर करने के लिए सरकार की पहल

-जर्मन, फ्रांस, रशियन भाषाओं को सीखेंगे सरकारी स्कूल के बच्चे

मेरठ। बच्चों में एजुकेशन के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए यूपी सरकार ने नई पहल की है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में नाइन से इंटर तक के स्टूडेंट्स को विदेशी लैंग्वेज पढ़ाने का ऐलान किया है। माध्यमिक स्कूलों के बच्चे अब अपनी रुचि अनुसार कम बजट में ही फॉरेन लैंग्वेज सीख पाएंगे। दरअसल अब कोर्स में फॉरेन लैग्वेज को भी पढ़ाया जाएगा। यहीं नहीं अगले साल से यूपी बोर्ड व सीबीएसई के अंतर को कम करने के लिए एनसीईआरटी की बुक्स भी लगेंगी।

करियर को मिलेंगी नई राहें

स्टूडेंट्स को इंग्लिश के साथ ही कोई एक विदेशी भाषा सीखने का अवसर मिलने से जहां उन्हें पब्लिक स्कूलों में नहीं जाना पड़ेगा, वहीं कम खर्च में ही उन्हें करियर की डगर भी संवारने का अवसर मिलेगा। फ्रेंच, जापानी, रोमन, चीनी आदि भाषाओं के प्रति युवाओं का रुझान काफी देखने को मिलता है। बच्चें अग्रेंजी के साथ ही कोई एक विदेशी भाषा सीखना चाहते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स क्लास नौंवी से इंटर में इन विषयों को लेकर फॉरेन लैंग्वेज में अपना भविष्य सवार सकते हैं। इस योजना से भविष्य संवारने के साथ ही यूपी बोर्ड के स्कूलों से बच्चों का पब्लिक स्कूलों की ओर पलायन भी कम होगा।

गिरा हैं आंकड़ा

सरकार के अनुसार पिछले पांच सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों का आंकड़ा 50 प्रतिशत कम हो गया है। इनमें मेरठ के सरकारी स्कूलों में भी 30 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों की अटेंडेंस का आंकड़ा कम हुआ है। इसके मद्देनजर ही सरकार ने नई पहल का फैसला लिया है।

बच्चों को पसंद है बदलाव

यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई के बाद बच्चों को नया अनुभव मिला है। जिसके प्रति उनके रुझान सराहनीय है। ऐसे में विदेशी भाषा भी बच्चों के लिए लाभकारी होगी।

लगेंगी एनसीईआरटी बुक्स

अगले साल से बुक्स भी एनसीईआरटी की लगाई जाने की चर्चा है। अनुभवी शिक्षकों के अनुसार अगर ऐसा हुआ तो यूपी बोर्ड व सीबीएसई स्कूलों में अंतर ही नहीं रहेगा, इससे स्कूलों की पढ़ाई एक समान होंगी।

वर्जन

माध्यमिक स्कूलों के प्रिंसिपल का मानना है कि इस तरह की योजना के लिए योग्य शिक्षकों की भी अवश्यकता होगी। वहीं विदेशी भाषा को जानने वाले युवक-युवतियों के लिए रोजगार का अवसर होगा।

कृष्ण कुमार शर्मा, प्रिंसिपल बालेराम ब्रजभूषण

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ये बहुत ही अच्छा है, इससे स्टूडेंट्स की रुचि बढ़ेगी, इसके साथ ही उन युवक युवतियों को फायदा है जो फॉरेन लैंग्वेज की नॉलेज रखते हैं।

डॉ। मनु भारद्वाज, खालसा इंटर कॉलेज

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क्या कहते है स्टूडेंट?

ये बहुत अच्छा है, हमें इससे फॉरेन लैंग्वेज पढ़ने का मौका मिलेगा। हमें पढ़ने में मजा भी आएगा।

भव्या

अक्सर फॉरेन लैंग्वेज के कोर्स अलग से करने होते हैं। जिनमें बहुत खर्चा होता है, स्कूल में ही हमारी इच्छा पूरी होगी ये बहुत अच्छा है।

वंशिका

मैं तो फ्रेंच पढ़ना चाहती हूं, क्लास नाइन में मैं पक्का ये लैंग्वेज पढूंगी। मेरा सपना है मैं विदेश में जाकर नौकरी करुं।

मंताशा

हमारे स्कूल में ही हमें ये कोर्स पढ़ने को मिलेंगे तो बहुत मजा आएगा। इसके साथ ही हमें नॉलेज भी मिलेगी।

तान्या

वर्जन

जिन युवक और युवतियों ने यूनिवर्सिटी से फॉरेन लैग्वेज के कोर्स किए हैं। उनकी स्कूलों में फिलहाल संविदाकर्मी के तौर पर नियुक्ति की जाएगी। जो युवाओं के लिए अच्छा अवसर है।

श्रवण कुमार यादव डीआईओएस

Posted By: Inextlive