--University में सेशन 2014-15 से से शुरू होने जा रहा है M.Sc। in forensic science का नया कोर्स

- Science faculty के केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के अंडर में संचालित किया जाएगा चार सेमेस्टर का ये कोर्स

- नये कोर्स के बाद ब्राइट कॅरियर के हैं तमाम ऑप्शन, दिनों दिन बढ़ती जा रही है फॉरेंसिक एक्सप‌र्ट्स की डिमांड

VARANASI: सीआईडी सीरियल आपने न देखा हो, ऐसा हो नहीं सकता। यदि देखा है तो डॉ। सांलुके भी याद होंगे। अरे वही डॉ। सांलुके जो मर्डर मिस्ट्री को छोटे से छोटे सबूत के सहारे भी सॉल्व कराने में सीआईडी टीम की हेल्प करते हैं। ये वही डॉ। सांलुके हैं जिन्हें क्राइम इन्वेस्टिगेशन में फॉरेंसिक एक्सपर्ट कहा जाता है। अब डॉ सांलुके जैसे फॉरेंसिक एक्सपर्ट की पढ़ाई बनारस में पॉसिबल है। यही है आज की गुड न्यूज।

बड़ी mysteries solve करेंगे BHU के बंदे

बीएचयू को स्थापित करने के पीछे महामना मदन मोहन मालवीय का उद्देश्य एक ऐसे एजुकेशनल इंस्टीट्यूट को डेवलप करने का था जहां धर्म और सत्य दोनों अपने मूल रूप में संरक्षित रह सके। खास ये है कि बीएचयू महामना के उद्देश्यों पर लगातार खरा उतर रहा है। यहां से पढ़ कर निकलने पर स्टूडेंट्स देश और समाज के निर्माण अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। इसी दिशा में बीएचयू ने एक और खास कोर्स की शुरुआत की है। सोसाइटी में क्राइम कम हो और क्रिमिनल्स कानून के शिकंजे में रहे इसके लिए बीएचयू ने एमएससी इन फोरेंसिक साइंस कोर्स शुरू कर रहा है।

Multidisciplinary है कोर्स

मेनली यह कोर्स साइंस फैकल्टी के केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के अंतर्गत संचालित होगा। बीएचयू में इस कोर्स की शुरुआत हैदराबाद में स्थापित देश के पहले इंडिपेंडेंट फोरेंसिक साइंस लैबोटरी ट्रूथ लैब के सहयोग से हो रहा है। ट्रूथ लैब का संचालन केन्द्र व विभिन्न प्रदेशों के 18 पूर्व फारेंसिंक साइंस लैबोरेटरी के डायरेक्टर्स के गु्रप द्वारा किया जा रहा है। कोर्स पूरी तरह से मल्टीडिसीप्लनरी है जिसमें दो साल की पढ़ाई के कोर्स मॉड्यूल कम्प्लीट कराने के लिए सात फैकल्टीज के करीब 30 डिपार्टमेंट्स की मदद ली जाएगी। कोर्स मॉड्यूल के अंर्तगत स्टूडेंट्स फिंगर प्रिंट्स, साइबर फॉरेंसिक, आडियो-वीडियो फोरेंसिक, पॉलीग्राफ, लाई डिटेक्टर, क्राइम सीन इनवेस्टिगेशन, मेडिको लीगल एण्ड फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन जैसे विषयों की जानकारी दी जायेगी।

साइंस ग्रेजुएट ले सकेंगे एडमिशन

इस कोर्स में साइंस स्ट्रीम का कोई भी ग्रेजुएट एडमिशन ले सकता है जिसने 10 प्लस टू प्लस थ्री पैटर्न में 50 परसेंट मा‌र्क्स हासिल किया हो। इसके अलावा एमबीबीएस, बीडीएस, बीटेक, बीई, बीफार्मा कोर्सेज में 50 परसेंट मा‌र्क्स हासिल करने वाला स्टूडेंट्स भी इस कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे। बीएचयू ने सेशन 2014-2015 सेशन के लिए मिनिमम 10 व मैक्सिमम 30 सीट्स निर्धारित किया है। चार सेमेस्टर में बंटे इस कोर्स की फीस पर सेमेस्टर 40 हजार रुपये निर्धारित किया है।

एंट्रेंस के जरिये होगा एडमिशन

एमएससी इन फोरेंसिक साइंस कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के जरिये होगा। एंट्रेंस टेस्ट में 120 मिनट का एक पेपर होगा। जिसे 'ए' और 'बी' दो सेक्शन में डिवाइड किया गया है। सेक्शन 'ए' में टेन प्लस टू लेवल के जनरल साइंस के 60 क्वेश्चन होंगे। इसके अलावा 20 अन्य क्वेशचंस के जरिये कैंडिडेट के जनरल एबिलिटी को आंका जायेगा। जिसमें एनेलिटिकल एबिलिटी, रीजनिंग और लॉजिकल स्किल से जुड़े क्वेशचंस पूछे जायेंगे। इसके बाद सेक्शन 'बी' को चार सब सेक्शन बॉयोलॉजी, केमेस्ट्री, मैथमैटिक्स, फिजिक्स में बांटा गया है। हर सब सेक्शन में ग्रेजुएशन लेवल के 40 क्वेशचंस होंगे। कैंडिडेट को इन चार सब सेक्शंस में से किसी एक सेक्शन के क्वेश्चन का जवाब देना होगा। एंट्रेंस टेस्ट के लिए 27 मई की डेट निर्धारित की गयी है।

ऑनलाइन उपलब्ध है फार्म

एमएससी इन फोरेंसिक साइंस कोर्स में एडमिशन के लिए फार्म बीएचयू के एडमिशन पोर्टल www.bhuonline.in पर उपलब्ध है। फार्म एडमिशन पोर्टल पर ख्भ् फरवरी से अपलोड कर दिये गये हैं। ख्भ् मार्च फार्म भरने के लिए लास्ट डेट निर्धारित की गयी है।

कोर्स से जुड़ी कुछ खास बातें

मिनिमम क्वालिफिकेशन: साइंस ग्रेजुएट

कोर्स में कुल सीट्स: मिनिमम क्0, मैक्सिमम फ्0

कोर्स की अवधि: दो साल (चार सेमेस्टर)

कोर्स की फीस: ब्0 हजार / सेमेस्टर

एंट्रेस टेस्ट की डेट: ख्7 मई ख्0क्ब्

क्या करते हैं फॉरेंसिक साइंटिस्ट

एक फोरेंसिक साइंटिस्ट क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम का एक महत्वपूर्ण मेम्बर होता है। इसका काम होता है क्राइम सीन से फिजिकल, बायोलॉजिकल एविडेंस और डॉक्यूमेंट्स इकठ्ठा कर उनका विश्लेषण करना होता है। ये एविडेंस अंगुलियों के निशान, खून, बाल और बुलेट, क्राइम स्पॉट पर इस्तेमाल किये गये चीजें जैसे बर्तन, कपड़े आदि भी हो सकते हैं। फॉरेंसिक एक्सपर्ट जहां कभी क्राइम स्पॉट पर पहुंच साइंटिफिक मेडथ से एविडेंस कलेक्ट करते हैं और बाद में लैबोटरी में उनका साइंटिफिक इक्वीपमेंट्स के जरिये विश्लेषण कर रिपोर्ट भी तैयार करते हैं। आज पुलिस डिपार्टमेंट ऐसे एक्सप‌र्ट्स को बखूबी इस्तेमाल कर रहा है। इसके अलावा न्यायालय, प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियां भी फॉरेंसिक एक्सपर्ट की सेवाएं लेती हैं।

Posted By: Inextlive