लैपर्ड से कांवडि़यों की सुरक्षा करेंगे प्रहरी
पिछले साल लैपर्ड में हमले में हुई थी कांवडि़ये की मौत
लैपर्ड संभावित क्षेत्र में कांवडि़यों को रुकने की नहीं होगी इजाजत देहरादून। रायवाला और आसपास के क्षेत्र में लगातार लैपर्ड की सक्रियता को देखते हुए इस क्षेत्र में कांवडि़यों की सुरक्षा के लिए खास बंदोबस्त किये गये हैं। इस बार जंगल के बीच कांवडि़यों को रुकने नहीं दिया जाएगा और उन्हें लैपर्ड और हाथियों के खतरे के प्रति आगाह किया जाएगा। संवेदनशील क्षेत्रों में बोर्ड लगाकर भी हाथियों और लैपर्ड को लेकर कांवडि़यों को अवेयर किया जाएगा। 22 लोग हुए शिकार गुलदार के हमले में रायवाला और आसपास के क्षेत्रों में 2014 से अब तक 22 मौत हो चुकी। पिछले वर्ष सबसे ज्यादा 12 लोग लैपर्ड के शिकार बने। इन हालात को देखते हुए इस बार कांवडि़यों को जागरूक करने का अभियान शुरू किया गया है। बढ़ाए गए प्रहरीकांवडि़यों की सुरक्षा को देखते लैपर्ड की संभावना वाले क्षेत्रों में जहां पहले 4 प्रहरी गश्त करते थे, उनकी संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई है। गश्त 24 घंटे जारी है।
-- सड़क के दोनों ओर खतराकांवडि़यों की आवाजाही वाला हाईवे हरिद्वार से ऋषिकेश तक राजाजी टाइगर रिजर्व के बीच से होकर गुजरता है, ऐसे में इस क्षेत्र में सड़क के दोनो तरफ से कांवडि़यों को खतरा हो सकता है। इस क्षेत्र में अब लैपर्ड जंगल से निकलकर घरों में घुसकर भी हमला कर रहे हैं।
-- विधानसभा अध्यक्ष और सांसद से इस क्षेत्र को बफर जोन बनाने की मांग की जा चुकी है। इसके साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए। इस क्षेत्र में कांवडि़ये अनजाने में रात्रि विश्राम के लिए रुक जाते हैं, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ सकती है। ऐसी किसी स्थिति को रोकने के लिए प्रहरियों की गश्त बढ़ा दी गई है। राजेश जुगलान, अध्यक्ष, ईको विकास समिति -- ये हैं संवेदनशील क्षेत्र रायवाला का सत्यनारायण मंदिर क्षेत्र, मोतीचूर, गौरी माफी मार्ग, नेपाली फार्म, श्यामपुर आदि। -- पिछले साल कांवडि़ये पर हमला पिछले साल गुलदार ने एक कांवडि़ये पर हमला कर दिया था, कांवडि़ये की मौत हो गई थी, यही वजह है कि इस बार कांवडि़यों की सुरक्षा को लेकर पहली बार सतर्कता और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। -- रायवाला क्षेत्र में लैपर्ड के हमले डेट नाम घटनास्थल 28 मार्च 14 अनिकेत रायवाला गांव 25 अक्तूबर 14 काशीराम रायवालागांव2 फरवरी 15 दीपिका नेगी खंडगांव
29 मार्च 15 राजकुमार नेशनल हाईवे 8 जून-15 राजेश कुमार गौहरीमाफी 15 जून-15 पुष्कर सिंह नेशनल हाईवे 7 सितंबर 16- साधु सिंह नेशनल हाइवे 25 फरवरी 16- आर्यन हरिपुरकला 18 नवंबर 16- प्रवेश जोशी हरिपुरकला 29 सितंबर 16 रोहित क्षेत्री- छिद्दरवाला 18 नवंबर 16- सोमपाल नेशनल हाइवे 3 मई 17- अज्ञात-नेशनल हाईवे 19 मई 17- आनंद सिंह वन दारोगा, एनएच 19 दिसंबर17 अज्ञात नेशनल हाईवे 25 दिसंबर 17 अज्ञात नेशनल हाईवे 31 दिसंबर 17 सुनील रायवाला गांव 16 अप्रैल 18 टेकचंद नेशनल हाईवे 9 मई 18 संपति देवी, गौहरीमाफी 21 मई 18 काला सिंह, वनचौकी की छत से 14 जून 18 निर्जला, ठाकुरपुर 10 जुलाई 18 सूरत सिंह नेगी, प्रतीतनगर 25 जुलाई 18 शहिद आलम, मोतीचूर