- लॉकडाउन में अभिभावक सोशल मीडिया के जरिए प्रशासन से कर रहे अपील

लॉकडाउन से कोरोना का संक्त्रमण कमजोर हो रहा है, लेकिन आमजन की लाइफ में मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक औरफ्रेंट पर रहने वाले किरायेदार चिंता में हैं। वैसे सामान्य परिस्थिति में भी मार्च-अप्रैल महीना ऐसे फैमिली के लिए संकटभरा रहता है। कोविड-19 की आपदा ने इस संकट को कई गुना बढ़ा दिया। स्कूलों से फीस के लिए आ रहे मैसेज और मकान मालिक के किराये की डिमांड ने बहुत से फैमिली को उलझन में डाल दिया है। वह घर बैठे फीस और मकान का किराये कहां से भरेंगे। इस समय मुश्किल से राशन, सब्जी और दूध के इंतजाम हो पा रहे हैं। हालांकि इन समस्याओं से निजात पाने के लिए लोग सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए डीएम साहब से तीन माह की स्कूल फीस और किराया माफ करने की गुहार लगाई जा रही है।

मैं ही नहीं, बल्कि पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चों के अभिभावक चिंता में हैं कि वह घर बैठे फीस और किराया कहां से भरेंगे। अप्रैल-मई में न सिर्फ तीन महीने की फीस बल्कि यूनिफॉर्म और किताबों का भी खर्च है।

-उपमन्यु सिंह

ऐसी संकट की घड़ी में घरों में बैठा हुआ व्यक्ति जो किराये पर रह रहा पैसे का इंतजाम कैसे करेगा। डीएम साहब से आग्रह है कि मकान मालिकों से बोलकर या तो किराया आधा करवाया जाए या तो माफ किया जाए।

- डॉ। सुनील कुमार

हालात देखते हुए लग रहा है कि लॉकडाउन 3 माह के लिए बढ़ सकता है। ऐसे में मेरे लिए फ्लैट का किराया और बच्चों की स्कूल फीस दे पाना मुश्किल होगा। जिला प्रशासन या सरकार ही इसे माफ करा सकती है।

-बृजेश कुमार

लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। खाने-पीने को छोड़कर सभी फैक्टरी, होटल, आफिस, मॉल, स्टोर भी बंद हैं। लोग घरों में कैद हैं। ऐसी स्थिति में स्कूल की फीस तो दूर किराया देना मुश्किल है।

-मनीष शर्मा

मार्च और अप्रैल का महीना बड़ा कठिन होता है। लॉकडाउन से पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। मेरी गारमेंट की दुकान है। कमाई हो नहीं रही है। ऐसी स्थिति में बच्चों की स्कूल फीस भरना संभव नहीं है।

-संतोष यादव

कोरोना से कारोबार, नौकरी समेत सब कुछ चौपट होने की कगार पर है। मैं ट्रेवल एजेंसी चलाता हूं। होली के बाद से सब कुछ ठप पड़ा है। ऐसी स्थिति में दो बच्चों का तीन महीने की फीस और रेंट पोस्टफोन कर दिया है।

-मनोज विश्वकर्मा

मकान मालिकों को आदेश दिया गया है कि वह किरायेदार से एक महीने का किराया नहीं लेंगे। स्कूल फीस को लेकर बातचीत चल रही है। इसके अलावा सभी दुकानदार, कमर्शियल संस्थानों को भी अपने कर्मचारियों को बिना कटौती वेतन देने को आदेश दिया गया है। बावजूद इसके शिकायत मिलेगी तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।

-कौशल राज शर्मा, डीएम

Posted By: Inextlive