क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : आधार बनाने में हुई गड़बड़ी को करेक्शन कराने के लिए रांची की पब्लिक को कड़े इम्तेहान से गुजरना पड़ रहा है. आधी रात को घर की दहलीज से निकलकर सांय सांय करती सड़क से जीपीओ तक जाना पड़ रहा है. इस काम के लिए यहां भोर तीन बजे से ही लड़के, लड़कियों और महिलाओं के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है. समस्या यहीं खत्म नहीं होती, यहां आये लोगों को जीपीओ के गेट के बाहर ही खड़े खड़े सुबह सात बजे तक टाइम देना पड़ रहा है उसके बाद ही गेट के अंदर जाने का रास्ता साफ हो पाता है. इसके बाद भी फॉर्म पाने के लिए नौ बजे तक धूप में ही इंतजार करना पड़ता है. इस गुत्थमगुत्थी के बीच बड़ी समस्या ये है कि सुबह पांच बजे के बाद पहुंचने पर फॉर्म ही नहीं मिल पाता है क्योंकि करेक्शन के लिए फॉर्म देने की लिमिट सिर्फ 30 ही रखी गई है. इस कारण बाद में पहुंचने वाले लोगों को मायूस ही होना पड़ता है. इतनी प्रॉब्लम से गुजरने के बाद ही आधार में करेक्शन हो पा रहा है. फिर भी जीपीओ के अधिकारियों का इस तरफ ध्यान नहीं जा रहा है.

3 बजे से लाइन, 9 बजे फॉर्म

यहां आधार में करेक्शन कराने के लिए छह घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद सुबह 9 बजे लोगों को फार्म बांटा जाता है. इसके बाद ऑफिस टाइम में आधार करेक्शन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. इस चक्कर में सबसे ज्यादा महिलाओं को परेशानी फेस करनी पड़ रही है. वे अपने बच्चों के साथ लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए देखी जा रही हैं.

एक दिन में 30 का ही करेक्शन

जीपीओ में बने सेंटर पर हर दिन केवल 30 लोगों का ही करेक्शन किया जा रहा है. इसके बाद आने वाले लोगों को निराशा ही हाथ लग रही है. साथ ही उन्हें अगले दिन आने को कहा जा रहा है. इस वजह से दूर-दराज से आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अगले दिन सभी काम छोड़कर उन्हें आधी रात में लाइन में खड़े होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

प्रज्ञा सेंटरों में काम बंद

सिटी के आधा दर्जन प्रज्ञा सेंटरों में भी आधार बनाने का काम भी किया जाता था. लेकिन अचानक से सेंटरों में आधार का काम बंद कर दिया गया. इसके बाद धीरे-धीरे सदर हॉस्पिटल और नगर निगम के भी सेंटर बंद हो गए. जिससे कि छोटे बच्चों का भी आधार नहीं बन पा रहा है. इसका खामियाजा सिटी के लोग भुगत रहे हैं. वहीं उनकी रातों की नींद भी खराब हो रही है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha