पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का रविवार को 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। राजनीतिक हलकों में उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विश्वसनीय लोगों में शुमार किया जाता था।

नई दिल्ली (पीटीआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य बीजेपी नेताओं ने दिवंगत सिंह को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा कि जसवंत सिंह ने कर्मठता से देश की सेवा की। राजनीति और समाज में अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें याद किया जाएगा। बाद में पीएम दिवंगत नेता के बेटे मानवेंद्र सिंह को अपनी शोक संवेदनाएं भेजी। मोदी ने कहा कि जसवंत जी व्यवहार के सच्चे थे। पिछले छह सालों से वे अपनी बीमारी से बड़ी ही बहादुरी से जूझ रहे थे। जसवंत सिंह सैनिक अधिकारी रह चुके थे।

Spoke to Shri Manvendra Singh and expressed condolences on the unfortunate demise of Shri Jaswant Singh Ji.
True to his nature, Jaswant Ji fought his illness with immense courage for the last six years.

— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020

Jaswant Singh Ji will be remembered for his unique perspective on matters of politics and society. He also contributed to the strengthening of the BJP. I will always remember our interactions. Condolences to his family and supporters. Om Shanti.

— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020


25 जून से अस्पताल में थे भर्ती
अगस्त 2014 में घर में ही गिर जाने की वजह से बीमार चल रहे थे। उन्हें सेना के रिसर्च एवं रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे वहां से डिस्चार्ज किए जाने के बाद इस साल जून में दोबारा भर्ती किए गए थे। अस्पताल ने अपने बयान में कहा, 'दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि सम्माननीय मेजर जसवंत सिंह (रिटायर्ड), भारत सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रविवार की सुबह 6.55 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें 25 जून, 2020 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनका मल्टी ऑर्गेन डिस्फंक्शन सिंड्रोम और सिर में लगे पुराने चोट का इलाज चल रहा था। सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।'
पहले सेना फिर राजनीति में शामिल
अस्पताल ने आगे कहा कि जसवंत सिंह को बचाने के लिए स्पेशलिस्ट टीम ने अथक प्रयास किए लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार को राजस्थान के जोधपुर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पीएम मोदी ने अपनी शोक संवेदना में कहा कि जसवंत सिंह जी ने देश की कर्मठता के साथ सेवा की है। पहले वे एक सैनिक के तौर पर और बाद में राजनीति में शामिल होकर देश सेवा की। अटल जी की सरकार में उन्होंने कई महत्वपूर्ण वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। उनके निधन से दुख पहुंचा है।
2014 में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर लड़ा लोकसभा चुनाव
जसवंत सिंह को वाजपेयी और वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को करीबी समझा जाता था। उन्होंने वाजपेयी सरकार में रक्षा, वित्त और विदेश जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली थी। बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने 2014 में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। मोदी ने अपने संदेश में कहा कि जसवंत सिंह को राजनीति और समाज में दिए उनके अतुलनीय योगदानों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने बीजेपी को भी मजबूत किया। पीएम ने कहा कि उनके साथ की बातचीत उन्हें हमेशा याद रहेगी। उनके परिवार और समर्थको को पीएम ने संवेदनाएं व्यक्त की।
राजनाथ सिंह ने भी दी श्रद्धांजलि
दुख व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह ने प्रभावशाली मंत्री और सांसद के तौर पर देश की सेवा की। उन्होंने कहा, 'जसवंत सिंह जी बौद्धिक क्षमताओं और उत्कृष्ट देश सेवा के लिए याद किए जाएंगे। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके परिवार और समर्थकों को इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।'

Shri Jaswant Singh ji would be remembered for his intellectual capabilities and stellar record in service to the nation. He also played a key role in strengthening the BJP in Rajasthan. Condolences to his family and supporters in this sad hour. Om Shanti.

— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 27, 2020

Posted By: Satyendra Kumar Singh