सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फिर दोहराया कि ईवीएम पर जनता का विश्वास नहीं रह गया है इसलिए मत पत्र से मतदान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में जनता का विश्वास आवश्यक है। ईवीएम मशीनों में चुनावों के दौरान गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं। गोरखपुर उपचुनाव में तो 127 ईवीएम में खराबी मिली। तीन-तीन घंटे तक मतदान बाधित रहा। अगर मत पत्र से चुनाव होता तो भाजपा और ज्यादा वोट से हार जाती।

विधायकों की बैठक में भाजपा पर हमला
अखिलेश बुधवार को पार्टी मुख्यालय के लोहिया सभागार में विधायकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा मनमानी पर उतारू है। यदि भाजपा में जरा भी नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों की परवाह होती तो वह राज्यसभा के लिए 9वां प्रत्याशी नहीं उतारती। उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष में भाजपा ने जनहित में कोई काम नहीं किया है सिर्फ जनता को धोखा दिया है। किसानों की आत्महत्या एवं उनका उत्पीडऩ थम नहीं रहा है। वर्तमान वर्ष में ही महोबा में कर्ज में डूबे 27 किसानों ने अपनी जान दे दी। इसी तरह बेरोजगार नौजवान अवसाद में आत्महत्या कर रहे हैं।

पराजय के रूप में सामने आया

केंद्र सरकार के गृह राज्यमंत्री की स्वीकारोक्ति है कि वर्ष 2014 से 2018 के बीच 26,500 बेरोजगार नौजवान आत्महत्या कर चुके हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां करोड़ों नौजवान बेकारी के शिकार हों और सरकारों के पास रोजगार उपलब्ध कराने की कोई नीति और नीयत भी नहीं है। इससे जनता में भारी आक्रोश है। इसका परिणाम गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में भाजपा की पराजय के रूप में सामने आया है।

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Posted By: Shweta Mishra