- अखिलेश के बजट से विरोधियों में असंतोष, कहा-मेरठ को मिली उपेक्षा

- सपा ने कहा, किसानों के लिए बजट में बहुत कुछ

Meerut : पेयजल योजना को लेकर विशेष प्रस्ताव शासन को भेजा था। सरकार ने प्रस्ताव पर कोई संज्ञान नहीं लिया। स्मार्ट सिटी को लेकर पहले से भी सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मेरठ की हर मामले में उपेक्षा की गई है। सामान्य बजट में क्रांतिधरा के हिस्से में कई विकास योजनाएं आनी थी, जिन्हें शामिल नहीं किया गया है। अखिलेश के बजट पर असंतोष जताते हुए मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि मेरठ की उपेक्षा हुई है। सूबे के 2016-17 के आम बजट पर राजनीतिक दलों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है।

किसानों का है 'आम बजट'

सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह ने कहा कि यह किसानों का बजट है। गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान हो सकेगा तो मजदूर, आम जनता का ध्यान भी बजट में रखा गया है। ओलावृष्टि, सूखाग्रस्त किसानों को राहत देने का काम बजट में किया गया है। मेरे हिसाब से बजट बिल्कुल ठीक है। वहीं सपा के पार्षद शाहिद अब्बासी ने कहा कि बजट में किसानों से लेकर बेरोजगारों का ख्याल रखा गया है।

मेरठ के विकास को बे्रक

कांग्रेस जिलाध्यक्ष विनय प्रधान ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेरठ को बजट में कुछ नहीं मिला है। किसानों को लाभ देने की योजनाएं छलावा हैं, यदि राहत देनी थी तो सीधे देते। यह किसान का नहीं बिचौलियों का बजट है। बाईपास, आउटर रिंग रोड, पेरीफेरल हाइवे आदि विकास योजनाओं को नजरअंदाज कर दिया गया है। वहीं भाजपा पार्षद विजय आनंद अग्रवाल ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं के क्रम में आज भी मेरठ बैकफुट पर है। बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने कहा कि तीन सालों से गन्ने का रेट जस का तस है। किसानों की उम्मीद हर बार टूटी है।

योजनाएं अमली जामा पहने

स्टूडेंट आयुषी का कहना है कि कन्या विद्या धन और लैपटॉप बांटने के दावे तो बहुत किए जाते हैं किंतु अमलीजामा पहनाने की बात पर सरकार कायम नहीं होती। एसडी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल बीबी बंसल ने अंशकालीन शिक्षकों को मानदेय के लिए बजट में दो सौ करोड़ के प्रावधान को सराहा है। एमबीबीएस सीटें बढ़ाने पर कनोहर लाल डिग्री कॉलेज की पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अध्यक्ष प्रीति गौड़ ने खुशी जाहिर की है।

Posted By: Inextlive