- बौहर गांव विचित्र बीमारी की चपेट में, सैकड़ों लोग सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती

- स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया या डेंगू फैलने से किया इंकार, इलाके में फैली भारी गंदगी और जलभराव

- स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने गांव में डाला डेरा, कई अस्पताल फुल

KANPUR: घाटमपुर के एक गांव में बीते 3 दिनों में विचित्र बुखार से सैकड़ों लोगों के पीडि़त होने व 4 लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग अभी दावा कर रहा है यह मलेरिया या डेंगू नहीं हैं, लेकिन इस बीमारी के लक्षण पूरी तरह से मलेरिया जैसे हैं। वहीं एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। बीमार लोगों को उर्सला, कांशीराम, हैलट बालरोग अस्पताल समेत कई सीएचसी व प्राइवेट नर्सिग होम्स में रखा गया है। यह बीमारी पैर पसारती जा रही है। अभी तक जो इंतजाम हैं, उससे इस बीमारी पर काबू पाने के हालात नहीं दिख रहे हैं। पूरे क्षेत्र में इसको महामारी बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर कह रहे हैं कि घबराने की जरूरत नहीं, यह महामारी नहीं बल्कि गांव में फैली गंदगी की वजह से वायरल फीवर है। फिलहाल बीमार लोगों की संख्या देर शाम तक 800 से ज्यादा हो गई, इसके अलावा मरीजों के आने का सिलसिला लगातार जारी है।

विचित्र बुखार के सरकारी आंकड़े

शुक्रवार को चेकअप- 258 पेशेंट्स - स्लाइड बनी- 79

शनिवार को चेकअप - 260 पेशेंट्स - स्लाइडें- 78

रविवार को चेकअप- 120 पेशेंट्स- स्लाइडें- 45

उर्सला में भर्ती पेशेंट- 14

कांशीराम ट्रामा सेंटर - 17

हैलट और बालरोग में - 14

-सरसौल, घाटमपुर, बिधनू और जहानाबाद सीएचसी फुल

- 400 से ज्यादा पेशेंट्स प्राइवेट अस्पतालों में करा रहे इलाज

इनकी हुई मौत-

शुक्रवार को-

- गोविंद गुप्ता (52)

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रविवार को-

हसमत अली (67)

ममता (15nd>çÎÙ)

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पीडि़तों के मुताबिकलक्षण

शुक्रवार को बौहर गांव निवासी शिवबाबू की इस विचित्र बुखार से मौत हो गई। उनकी दो बेटियां नैन्सी और कॉजल का बालरोग अस्पताल में इलाज चल रहा है। कॉजल के मुताबिक पिताजी को कई दिनं से बुखार था और उनके पैरों में भी दर्द था। जहानाबाद सीएचसी में दिखा कर दवा खाई लेकिन बुख्ार नही गया। यही प्रॉब्लम बाल रोग अस्पताल में कई बच्चों को भी हुई।

क्या कहते हैं डॉक्टर्स-

यह बीमारी वायरल जैसी है। जिसमें तेज बुखार के साथ पेशेंट्स का प्लेटलेट्स काउंट काफी गिर गया है। दो बच्चे आईसीयू में ऑ‌र्ब्जवेशन पर हैं। सामान्य तौर पर यह प्रॉब्लम मौसम बदलने और दूषित पानी व गंदगी की वजह से होती है।

- डॉ। यशवंत राव, एचओडी, बालरोग विभाग, जीएसवीएम

पेशेंट्स में मलेरिया का कार्ड टेस्ट किया है। जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई है। डेंगू की रिपोर्ट सोमवार शाम आएगी। उसी के बाद कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल ज्यादातर बच्चों का वायरल फीवर का ही इलाज किया जा रहा है।

- डॉ। सुनील तनेजा, सीनियर पीडियाट्रिशियन, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

जिस गांव से सबसे ज्यादा पेशेंट्स आए हैं। वहां पर काफी गंदगी और जलभराव है। मौसम बदल रहा है ऐसे में इस स्थिति में वायरल होना तो सामान्य बात हैं। 200 से ज्यादा पेंशेंट्स की स्लाइड जांच के लिए भेजी हैं।

- डॉ। अनुज दीक्षित, स्वास्थ्य विभाग

मलेरिया या डेंगू की अभी किसी पेशेंट में पुष्टि नहीं हुई है। प्रभावित इलाके में कई टीमें लोगों का चेकअप कर रही हैं। इसके अलावा दवा बांटी जा रही है। मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए 12 एंबुलेंस लगाई गई है। जिन लोगों की मौत की बात सामने आई हैं उसमें से एक को डायबिटीज थी और एक बच्ची सेप्टीसीमिया से पीडि़त थी। फिलहाल जो स्थिति है। उससे यह वायरल बुखार ही लग रहा है।

- डॉ। आरपी यादव, सीएमओ, कानपुर नगर

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न डेंगू न मलेरिया वायरल भी कंफर्म नहीं

बौहर गांव में दो दिन में सैकड़ों लोगों के बीमार होने को लेकर भले ही स्वास्थ्य विभाग इसे सिर्फ वायरल फीवर बता रहा हो, लेकिन डॉक्टर्स अभी खुाद इस बीमारी को लेकर उलझे हुए हैं। क्योंकि पेशेंट्स में बुखार कहीं कहीं एक जैसे हैं तो कहीं कहीं बिल्कुल अलग। मलेरिया फैलने की संभावना से तो डॉक्टर्स इंकार कर रहे हैं लेकिन अभी तक डेंगू टेस्ट्स की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। वहीं अस्पतालों में भर्ती ज्यादातर पेशेंट्स को एंटीबायोटिक दवाएं ही दी जा रही है।

गांव की गंदगी बीमारी की बड़ी वजह

घाटमपुर के बौहर गांव में जहां विचित्र बुखार के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। उस गांव में 600 से ज्यादा परिवार रहते हैं। इनकी कमाई का मुख्य स्त्रोत दूध उत्पादन और खेती हैं। गांव के हर घर में मवेशी पले हैं। इस वजह से ज्यादातर नालियां गोबर से भरी पड़ी हैं। इलाके में साफ सफाई का स्तर भी बेहद घटिया हैं। नालियां कच्ची होने की वजह से जगह जगह भीषण जलभराव है। इस वजह से मच्छर भी काफी है।

प्रशासन में हड़कंप,डीएम ने लिया जायजा

घाटमपुर में विचित्र बुखार से सैकड़ों लोगों के बीमार पड़ने और कई की मौत के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें और अधिकारी बौहर गांव में डेरा डाले हुए हैं। वहीं संडे दोपहर को डीएम डॉ। रौशन जैकब ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने गांव और उसके आस पास के इलाकों में सघन सफाई अभियान चलाने नालियों को साफ करने व कच्ची नालियां बनाने के आदेश दिए साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमों से मिल कर घर घर जाकर कीटनाशक का छिड़काव कराने व मरीजों की जांच व उन्हें दवाई मुहैया कराने के आदेश दिए हैं।

पहले भी हुई मौत, झोलाछाप सक्रिय

बोहर गांव में यह विचित्र बुखार दो दिनों में अपने सबसे विकराल रुप में आया है, लेकिन इससे पहले भी लगातार विचित्र बुखार से पीडि़त मरीज आ रहे थे। 3 अगस्त को इसी गांव के 20 साल के युवक शैलेंद्र दिवाकर की भी मौत हो गई थी। दरअसल इस इलाके में स्वास्थ्य की सुविधाएं बेहद कम हैं। इलाज के लिए लोगों को फतेहपुर की जहानाबाद सीएचसी में जाना पड़ता है। ज्यादातर लोग गांव में मौजूद झोलाछाप डॉक्टर्स से ही इलाज कराते है। इस घटनाक्रम के बाद झोलाछाप डॉक्टर और सक्रिय हो गए हैं।

आप भी रहिए सतर्क

- साफ और उबला हुआ पानी पिए

- घर और आसपास की नालियां साफ रखे, कूड़ा न फैलने दे

- कहीं भी पानी को रुकने न दे

- तलीभुनी, मसालेदार चीजें और बांसी खाना न खाएं

- कूलर में मिट्टी का तेल डाले

- ब्लड में प्लेटलेट्स काउंट का ध्यान रखे

- खांसी, जुखाम और बुखार की स्थिति में फौरन डॉक्टर को दिखाए

- एक दम से ठंडे और गरम वातावरण में न जाएं

Posted By: Inextlive