- साइबर क्राइम सेल ने एमेजॉन शॉपिंग साइट को करोड़ों का चूना लगाने वाले चार जालसाजों को दबोचा

- लाखों कीमत का इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद

 

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LUCKNOW : साइबर क्राइम सेल ने चार ऐसे जालसाजों को अरेस्ट किया है जो ऑनलाइन ऑर्डर कर सामान मंगाते और फिर पैकिंग से सामान निकालकर उसमें कबाड़ भरकर रिप्लेस कर देते. गिरफ्त में आए चारों जालसाज एमेजॉन शॉपिंग साइट को इस तरह करोड़ों रुपये का चूना लगा चुके हैं. आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने सात ब्रांडेड मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, दो वाईफाई डिवाइस, एक माइक्रोवेव ओवन, आठ टेबल फैन, दो सीलिंग फैन्स, नौ पैकेट एलईडी बल्ब, एमेजॉन का एक प्रिंटेट टेप व पॉलीपैक बरामद किया है.

 

कंपनी अधिकारियों ने की थी शिकायत

एमेजॉन शॉपिंग साइट की इंवेस्टीगेशन टीम के मैनेजर जय सोनी ने बीते दिनों एसएसपी से शिकायत की थी कि कुछ जालसाज कंपनी में महंगे ब्रांडेड कंपनियों के इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक सामान ऑर्डर करते हैं और फिर पैकिंग से सामान निकालकर उसमें कबाड़ भरकर रिप्लेस कर देते हैं. साइबर क्राइम सेल के नोडल ऑफिसर डिप्टी एसपी अभय कुमार मिश्र के मुताबिक, मामले की जांच साइबर क्राइम सेल को सौंपी गई. टीम ने जांच शुरू की तो ऑर्डर करने वाले मोबाइल नंबर की आईडी फर्जी निकली. जिस मकान पर सामान मंगाया जाता था वह भी किराये का था.

 

खुद ही आ फंसा

डीएसपी मिश्र ने बताया कि टीम जांच कर रही थी, इसी दौरान गैंग के सदस्य लखन गुप्ता ने एक बार फिर सामान की रिप्लेसमेंट रिक्वेस्ट डाल दी. कंपनी के अधिकारियों ने साइबर क्राइम सेल की टीम को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद टीम के एक मेंबर को कोरियर ब्वॉय बनाकर सामान की रिप्लेसमेंट के लिये भेजा गया. जबकि, बाकी टीम सादे कपड़ों में आसपास तैनात हो गई. इसी दौरान किराये के कमरे पर लखन गुप्ता सामान वापस करने के लिये आ पहुंचा. कोरियर ब्वॉय बने टीम मेंबर ने जैसे ही रिप्लेसमेंट वापस लिया, आसपास मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया.

 

पांच साल से कर रहे थे जालसाजी

पकड़े जाने पर आरोपी कालपी जालौन निवासी लखन गुप्ता ने बताया कि वह और उसका गैंग शॉपिंग साइट को चूना लगाने का यह काम वर्ष 2014 से कर रहे हैं. इसके लिये वे लोग अलग-अलग जिले में कमरा किराये पर लेते और फेक आईडी पर लिये गए सिम से एमेजॉन साइट पर महंगे इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक सामान ऑर्डर करते थे. सामान की डिलीवरी होने के बाद वे लोग पैकिंग से सामान निकाल लेते और उसमें उतने ही वजन का कबाड़ भरकर उसे रिप्लेस कर अपना रुपया वापस ले लेते थे. उसने कुबूल किया कि वे लोग अब तक कंपनी को करोड़ों रुपये का चूना लगा चुके हैं.


निशानदेही पर दबोचे तीन साथी

लखन ने बताया कि वे जो सामान मंगाते थे, उसे कानपुर स्थित मनीराम की बगिया में एक दुकान में ले जाकर बेच देते थे. टीम ने लखन की निशानदेही पर गैंग में शामिल कालपी निवासी देवेश सिंह, आदित्य वाजपेयी और रोहित सिंह को अरेस्ट कर लिया. हालांकि, गैंग का सरगना अब भी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है. डीएसपी मिश्र ने बताया कि चोरी का सामान खरीदने वाले दुकानदार की भी तलाश की जा रही है.

 

एक जिले में 15 लाख का टारगेट

आरोपी लखन ने पूछताछ में बताया कि वे लोग किसी भी जिले में किराये का कमरा लेते थे, जहां से फेक आईडी पर लिये सिम व फेक मेल आईडी के जरिए सामान ऑर्डर करते थे. हर जिले में 15 लाख रुपये का सामान मंगाने के बाद वे जिला बदल देते थे. उसने बताया कि वे लोग अब तक लखनऊ, कानपुर, मथुरा, वृंदावन, रतलाम, बाराबंकी समेत विभिन्न जिलों में किराये का कमरा लेकर करोड़ों रुपये के सामान की धोखाधड़ी कर चुके हैं.

Posted By: Kushal Mishra