देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने प्रेस कांफ्रेंस करके अनियमितता के आरोप जड़े हैं। ईशारा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यानी सीजेआई की ओर साफ तौर पर था। चारों ने कहा कि सीजेआई पर देश फैसला करे। इधर प्रेस कांफ्रेंस चल ही रही थी कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री को बुला लिया। खबर यह भी आई कि अब सीजेआई भी प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। आइए जानते हैं आखिर इन चारों जस्टिस ने सीजेआई को खत में ऐसा क्‍या लिख दिया कि इसके सार्वजनिक होते ही बवाल मच गया।


महत्वपूर्ण मामलों के असाइनमेंट में पक्षपातसुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलमेश्वर के नेतृत्व में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस बी लूकर ने अचानक प्रेस कांफ्रेंस कर दुनिया भर को चकित कर दिया। उनका आरोप था कि सुप्रीम कोर्ट में सामूहिक रूप से फैसले लेने की परंपरा रही है। लेकिन अब इससे किनारा किया जा रहा है। महत्वपूर्ण मामले खास पसंद की बेंच को असाइन किए जा रहे हैं। इस भेदभावपूर्ण रवैए से न्यायपालिका की छवि खराब हुई है। ऐसे मामले जिनसे सुप्रीम कोर्ट की अखंडता प्रभावित होती है उनके असाइनमेंट में पक्षपात हो रहा है।सुप्रीम कोर्ट: दूसरे समुदाय में शादी करने वाली पारसी महिलायें कर सकती हैं साइलेंस टावर और अपने मंदिरों में प्रवेशतीन तलाक पर ये 5 महिलाएं कोर्ट में तो खूब लड़ीं, लेकिन अब इन नेताओं के बीच उलझीं


जस्टिस जे चेलमेश्वर सहित चार जस्टिस द्वारा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखा 7 पन्नों का वो खत (मूल प्रति)दूसरा पन्नाचौथा पन्ना6वां पन्ना7वां पन्ना

Posted By: Satyendra Kumar Singh