साईं बाबा के भक्‍तों में हिंदू भी थे तो मुसलमान भी उनके उतने ही मुरीद थे। उनके उपदेश कहीं लिखित नहीं हैं। मौखिक रूप से उनकी कहानियां भक्‍तों को शिक्षा देती रहती हैं। उनकी कही बातें बराबर लोगों का जीवन में मार्गदर्शन करती रहती हैं। आइए जानते हैं उनकी चार महत्‍वपूर्ण बातें जिन्‍हें कोई भी अपने जीवन में अपना ले तो न सिर्फ उसका बल्कि उससे जुड़े अन्‍य लोगों की भी किस्‍मत बदल जाएगी...


क्षमा : क्षमा बड़न को शोभत, छोटन को उत्पात
साईं बाबा कभी किसी से दुश्मनी नहीं पालते थे। यहां तक कि शिरडी में जब उनका कुछ पंडितों ने विरोध किया तो उन्होंने उन्हें क्षमा कर दिया। कभी उनसे विवाद नहीं मोल लिया। किसी की गलती को क्षमा कर देना बड़प्पन की निशानी माना गया है। छोटी-मोटी गलतियों को नजरअंदाज कर देने से जीवन में जो समय हम वाद-विवाद में उलझ कर व्यर्थ में बर्बाद कर देते हैं वह बचेगा। यह समय हम अपने और दुनिया के विकास में लगा सकते हैं। कई बार तो लोग अपनी झूठी शान के चक्कर में छोटी-मोटी बातों को लेकर सालों मुकदमेबाजी करते हैं। 30-40 साल बाद जब फैसला आता है तो पछताते हैं कि अपने जीवन के मूल्यवान समय को हमने ऐसे ही गंवा दिया। इससे तो अच्छा था कि हमने शुरू में ही उन गलतियों को नजरअंदाज कर दिया होता तो धन और समय की बचत होती।सेवा : सेवा अस्माकं धर्म


साईं बाबा के बारे में कहा जाता है कि वे सेवा करने में कभी पीछे नहीं रहते थे। उनसे जो बन पड़ता था वे सेवा करते थे और भक्तों को सेवा के लिए प्रेरित करते थे। उस समय तमाम आपदाओं के वक्त साईं बाबा ने अपने भक्तों के साथ श्रमदान किया और लोगों की सेवा की। उनकी सेवा से ठीक हुए लोगों की बात कालांतर में भक्तों के बीच चमत्कार के रूप में प्रचलित हो गए। असल में वे सब उनकी सेवा का फल था। वे सदैव भक्तों को सेवा के लिए न सिर्फ उपदेश देते थे बल्कि सेवा करके उदाहरण भी देते थे।Spiritual News inextlive from Spirituality Desk

Posted By: Satyendra Kumar Singh