यूपी बोर्ड के डॉक्यूमेंट्स वैरिफिकेशन में सर्टिफिकेट अधूरे, बोर्ड की गोपनीय जांच में हुआ खुलासा

Meerut। यूपी बोर्ड की परीक्षा से पहले ही मेरठ मंडल के 4 हजार से अधिक स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं। बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले इन स्टूडेंट्स के फॉ‌र्म्स में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा पाया गया है। ऑनलाइन वेरिफिकेशन में इन स्टूडेंट्स के डाक्यूमेंट्स वेरीफाई ही नहीं हो पाएं हैं। ऐसे मे क्षेत्रीय कार्यालय ने इन्हें सर्टिफिकेट्स पूरे करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ये भी निर्देश दिए हैं कि अगर डॉक्यूमेंट् पूरे नहीं हो पाते हैं तो ऐसे स्टूडेंट्स को परीक्षा देने से वंचित करते हुए इनके फॉ‌र्म्स रद कर दिए जाएंगे। मेरठ मंडल में 17 जिले शामिल हैं।

ये है मामला

माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से करवाई जाने वाली 10वी और 12वी की परीक्षा में हर साल सैंकड़ों अभ्यर्थी रेग्यूलर और प्राइवेट के फॉ‌र्म्स भरते हैं। इनमें कुछ स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं, जिनके पास पूरे डाक्यूमेंट्स नहीं होते और नकल माफिया का सहारा लेकर फर्जी डाक्यूमेंट्स बनवाकर परीक्षा दे देते हैं। इस बार भी विभाग में 4715 ऐसे स्टूडेंट्स के आवेदन पहुंचे हैं, जिनके डॉक्यूमेंट्स वैरीफाई नहीं हुए है। जांच के बाद ये स्टूडेंट्स परीक्षा देने के लिए एलिजिबिल ही नहीं हैं लेकिन दूसरे राज्य और बोर्ड के नकली सर्टिफिकेट बनवाकर परीक्षा के लिए अप्लाई करते हैं।

ऐसे हुए खुलासा

परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले फर्जी स्टूडेंट्स का खुलासा क्षेत्रिय बोर्ड कार्यालय की ओर से किया गया है। रेगुलर और प्राइवेट स्टूडेंटस के आर्हता प्रमाण पत्र में दिए गए अनुक्रमांक नंबर व रिकॉर्ड्स की ऑनलाइन विभाग के सॉफ्टवेयर पर जांच की गई। इसके तहत 10वी के लिए आवेदन करने वालों के आठवीं और नौंवी के प्रमाण पत्र जबकि 12 की परीक्षा देने वालों के 10वी की मार्कशीट और 11वीं का रेजिस्ट्रेशन नंबर चेक किया गया। यही नहीं विभाग में आवेदन करने वाले एक-एक स्टूडेंट के डॉक्यूमेंट्स मैन्युअली भी चेक किए गए हैं।

मेरठ का आंकड़ा सबसे ज्यादा

मेरठ मंडल के अंतर्गत 17 जिले शामिल हैं, जिसमें मेरठ समेत शामली, बागपत, बड़ौत, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, सहारनपुर, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मैनपुरी, एटा, फिरोजपुर, कासगंज, हाथरस, मुजफ्फरनगर आते हैं। इस बार मेरठ का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। इसके तहत मेरठ में 2275 स्टूडेंट्स ऐसे मिले हैं, जिनके डॉक्यूमेंट्स वैरिफाईड नहीं हो पाए। जबकि वर्ष 2018-19 के सबसे ज्यादा फर्जी आवेदन अलीगढ़ और आगरा से मिले हैं वही मेरठ में फर्जी आवेदन की संख्या सबसे कम हैं। आगरा के 1381 स्टूडेंट्स के वैरिफिकेशन में फेल साबित हुए हैं। अलीगढ़ में 720 और सहारनपुर में 339 स्टूडेंट्स फेल मिले हैं। सत्र 2017-18 में सिर्फ मेरठ से ही करीब 5000 स्टूडेंट्स के आवेदन फर्जी मिलने के बाद रद कर दिए गए थे। जबकि पूरे मंडल में आवेदन रद करने का आंकड़ा करीब 18 हजार था।

इस साल हम नकल को पूरी तरह से खत्म करने की कवायद कर रहे हैं। जिनके डॉक्यूमेंट्स अधूरे हैं उन्हें पूरा करवाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर डॉक्यूमेंट्स वैरिफाइड नहीं होते हैं तो एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाएगा।

सहस्त्रांशु सिंह राणा, क्षत्रिय सचिव, यूपी बोर्ड कार्यालय

Posted By: Inextlive