मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने तबादला नीति को मंजूरी दे दी। खास बात यह है कि यह नीति पहली बार चार वर्ष के लिए लागू की गयी है। इसके तहत आगामी एक अप्रैल से विभागों में तबादले किए जा सकेंगे। तबादला नीति 31 मई तक लागू रहेगी।

एस्पिरेशन डिस्ट्रिक्ट में दो साल की तैनाती
जिले में तीन वर्ष और मंडल में सात वर्ष से टिके अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला होगा। प्रदेश सरकार ने दिव्यांगों को तबादला नीति में खासी रियायतें दी हैं। वह जहां चाहेंगे, उनका तबादला करने में तरजीह दी जाएगी। वहीं समूह 'क' और 'ख' के जिन कर्मचारियों के रिटायरमेंट की अवधि दो वर्ष शेष हैं उन्हें उनके गृह जनपद के आसपास और समूह 'ग' और 'घ' के कर्मचारियों को उनके गृह जनपद में तैनात करने की छूट होगी। योगी कैबिनेट ने सूबे के आठ एस्पिरेशन डिस्ट्रिक्ट में अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती दो साल के लिए करने का फैसला भी लिया है। इनमें चित्रकूट, बलरामपुर, बहराइच, सोनभद्र, श्रावस्ती, चंदौली, सिद्धार्थनगर और फतेहपुर शामिल हैं।

इन जिलों में विकास की रफ्तार खासी धीमी

दरअसल इन जिलों में विकास की रफ्तार खासी धीमी है जिसकी वजह से केंद्र सरकार ने इन्हें इस श्रेणी में रखा है। इसी वजह से इन जिलों में अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती न्यूनतम दो वर्ष के लिए करने का फैसला लिया गया है। यह भी तय हुआ कि इन जिलों में सभी विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा जो विभाग तबादला नीति में छूट चाहते हैं उन्हें इस बाबत प्रस्ताव बनाकर 15 अप्रैल तक देना होगा। ध्यान रहे कि पहले यह अवधि 31 मई तक थी।
इसके अलावा कैबिनेट ने ये भी फैसले लिए
- गोरखपुर में रामगढ़ ताल के पास स्पोट्र्स कांप्लेक्स का होगा निर्माण
- सारनाथ में बुद्धा पार्क को इको-टूरिज्म से जोडऩे का फैसला
- बुंदेलखंड में निराश्रित पशुओं के आश्रय के लिए दस करोड़ रुपये दिए जाएंगे

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Posted By: Shweta Mishra