-व‌र्ल्ड नो टोबैको डे के अवसर पर कई जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन

LUCKNOW: सिगरेट का एक कश भले ही आपको क्षणिक मानसिक संतुष्टि दे रहा हो लेकिन साथ में यह 40 प्रकार के कैंसर और 25 प्रकार की बीमारियां भी देता है। इन खतरों को देखते हुए मंगलवार को केजीएमयू के रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग में मरीजों, तीमारदारों के साथ ही डॉक्टर्स को भी तंबाकू सेवन रोकने की शपथ दिलाई गई।

छूट सकता है तंबाकू

डॉक्टर्स ने बताया कि केजीएमयू के रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग में तंबाकू छुड़ाने के लिए टोबैको सेसेशन क्लीनिक चलती है। इसके अलावा मानसिक रोग विभाग में भी ऐसी क्लीनिक चलती है। इस अवसर पर डॉ। अजय वर्मा, डॉ। आनंद श्रीवास्तव, डॉ। दर्शन कुमार बजाज ने उपस्थित लोगों को तंबाकू और उसके उपयोग से होने वाली गंभीर बीमारियों से अवगत कराया। इस अवसर पर डॉ। अंबरीश जोशी, डॉ। अनुभूति , डॉ। संजीव सिंह, डॉ। मनोज पांडेय, डॉ। अमृतेश मिश्रा और डॉ। एके जमशीर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

केजीएमयू के रेडियोथेरेपी विभाग में भी जन जागरूकता अभियान और पोस्टर गैलरी का आयोजन किया गया। इस अवसर डॉ। एमएलबी भट्ट ने बताया कि लगभग 80 लाख कैंसर के मरीजों में से 20-25 लाख कैंसर तंबाकू और तंबाकू जनित पदार्थो से होता है.तंबाकू का सेवन बंद करने से ही इस रोग से इन मरीजों को बचाया जा सकता है। इस अवसर पर डॉ। समीर गुप्ता, डॉ। सुधीर सिंह, डॉ। राजेंद्र कुमार, डॉ। एनके पेन्युली, डॉ। नवीन, डॉ। वंदना, डॉ। धीरेंद्र सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

बचाए जा सकते हैं मरीज

नरही में मजदूर भवन में आयोजित कार्यक्रम में केजीएमयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ। रमाकांत ने कहा कि तंबाकू को रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। सरकार की ओर से सतत विकास लक्ष्य 2030 को पूरा करने केलिए गैर संक्रामक रोगों को एक तिहाई कम करना है। लेकिन न तो तंबाकू सेवन में कमी आई है न ही उससे होने वाली बीमारियों कैंसर, अस्थमा, पक्षाघात, हृदय रोगों में। इस अवसर पर मैग्सेसे अवार्डी डॉ संदीप पांडेय ने कहा कि सरकार जितना राजस्व तंबाकू उत्पादों से पाती है उससे कहीं अधिक बीमारियों पर खर्च करना पड़ता है। 104500 करोड़ रूपए का बजट तंबाकू जनित बीमारियों के लिए सलाना है। जो केंद्र व प्रदेश सरकार के हेल्थ बजट का 12 परसेंट है।

Posted By: Inextlive