राजधानी पेरिस में एक कार्यक्रम के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रैंकाइस ओलांद ने घोषणा की है कि उनका देश अपने सबसे बड़े युद्धपोत को सीरिया और इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए भेजेगा। रूस वहां पहले ही अपनी सेना को मदद के लिए सीरिया भेज चुका है।


फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने किया मदद का एलान राष्ट्रपति फ्रैंकाइस ओलांद ने राजधानी पेरिस में कहा कि फ्रांस ने सीरिया और इराक में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ जारी लड़ाई में गठबंधन सेनाओं की मदद के लिए अपने सबसे बड़े युद्धपोत का भेजने का फैसला लिया है। ओलांद ने बताया कि इस युद्धपोत के जरिए उन फ्रांसीसी लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को अपने अभियान में कम समय लगेगा, जो आईएस के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहे हैं। फ्रांस इस समय आईएस के ठिकानों पर हमले करने के लिए जॉर्डन में तैनात अपने छह मिराज और संयुक्त अरब अमीरात में तैनात छह राफेल लडाकू हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रहा है। पहले भी करता रहा है मदद
इस विमानवाहक पोत को पहले भी आईएस के खिलाफ तैनात किया जा चुका है। यह युद्धपोत चालीस लडाकू हेलीकॉप्टरों को संभाल सकता है और इससे प्रत्येक दिन सौ उडानें भरी जा सकती हैं। गौरतलब है कि अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत फ्रांस सितंबर 2014 से आईएस के ठिकाने को निशाना बना रहा है। फ्रांस ने इस साल सीरिया में भी हवाई हमले किए हैं। रूस भी शामिल है इस लड़ाई में


हालाकि गठबंधन देश रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के तौर तरीको से कुछ खास खुश नहीं हें लेकिन रूस अपने तरीके से आईएस के खिलाफ इस लड़ाई का हिस्सा बना हुआ है। उन्होंने भी सीरिया लड़ाके, युद्धक विमान, बॉम्बर्स और हेलीकॉप्टर के साथ मिसाइल रक्षा प्रणाली भी भेजी है। रूस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के अनुरोध पर 30 सितंबर को सीरिया में हवाई हमलों की शुरुआत की थी। तटीय शहर लताकिया में हमाईमिम एयर बेस पर रूसी युद्धक विमानों को तैनात किया गया है।

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Posted By: Molly Seth