आगरा। आपने सही पढ़ा। मेट्रीमोनियल वेबसाइट पर कुछ यही फ्रॉडकिया जा रहा है। एक लड़की का यूज करते हुए उसकी कई प्रोफाइल बना ली जाती है। जब कोई बंदा वेबसाइट के जरिए रजिस्ट्रेशन कराता है, तो उसे लड़की अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसा लेती है। जैसा बंदा, उसी तरीके से बातचीत की जाती है। फिर शुरू होता है रूपये ऐंठने का कारोबार, लेकिन जब बात शादी कराने की आती है, तब तक बहुत देर हो चुकती है। क्योंकि ये मेट्रोमोनियल वेबसाइट रिश्ते तलाशने से लेकर रिश्ते कराने तक की गारंटी लेती है, लेकिन व्यक्ति से एक बड़ी मोटी रकम हाथ लगने के बाद रेस्पोंस देना बंद कर देती है। यानी शादी नहीं कराती।

रिटायर्ड हेड कांस्टेबल ने की कंप्लेन

मंगलवार को खंदारी क्षेत्र में छापामार कर पुलिस प्रशासन ने ऐसे ही एक नेटवर्क का खुलासा किया है। इसमें पुलिस ने चार शातिर दबोचे हैं। उनसे पुलिस को रजिस्टर, लैपटॉप, कंप्यूटर और भारी मात्रा में मोबाइल बरामद किए हैं। दरअसल, बदायूं निवासी रिटायर्ड हेड कांस्टेबल ने अपनी शिकायत एसएसपी कार्यालय की थी। यह मामला साइबर सैल गया। साइबर सैल ने अपना जाल बिछाते हुए इस नेटवर्क का खुलासा कर दिया। पुलिस ने खंदारी स्थित ऑफिस से अभिजीत, राजकुमार, अमित निवासीगण रायपुर छत्तीसगढ़ और प्रदीप द्विवेदी निवासी भोपाल मध्य प्रदेश को हिरासत में लिया है।

पहले बनाया नोयडा में ऑफिस

आरोपियों ने बताया कि वह मात्र 6000 रुपये की जॉब करते थे। उन्हें ये नहीं पता था कि कंपनी क्या करती है। हिरासत में आए युवकों ने जो खुलासा किया है, वह चौंकाने वाला है। उन्होंने बताया कि उनकी हेड एक महिला है। जो रायपुर हेड ऑफिस में है। अभिजीत यहां पर प्रोपराइटर है। प्रदीप गु्रप लीडर है। पुलिस को पता चला कि डेढ़ साल पहले शातिरों ने नोयडा में ऑफिस खोला था, लेकिन वहां काम नहीं चला। फिर खंदारी जवाहर नगर में 11 महीने पहले ऑफिस खोला। यहां जरुरतमंदों को फंसाया।

बात करने में माहिर है लड़की

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिछले दो-तीन महीने में ही शातिरों ने 400 से 500 लोगों को अपना शिकार बनाया। इनका एक ऑफिस इंदौर में भी है। शातिर एक ही लड़की से कई लोगों की बात करवाते थे। एक लड़की के कई प्रोफाइल तैयार कर रखे थे। बात करने वाला उसकी बातों में फंस जाता था। बात करने वाली लड़की ट्रेंड थी। बातों से सामने वाले की स्थिति का पता कर लेती थी। व्यक्ति से उसके मुताबिक बात करती थी। जिससे बात आगे बढ़ सके।

कॉल कर देते थे फॉरवर्ड

मैरिज ब्यूरो ने 3500 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस तय कर रखी थी। रजिस्ट्रेशन फीस जमा कराने के बाद वह लड़की से बात कराते थे। यदि शिकार जाल में फंसा तो बात आगे बढ़ाने के लिए और रुपयों की डिमांड करते। कई लोग संबंध तय करने के लिए रुपये जमा करा देते। बाद में फिर कोई न कोई रूल बताकर और रूपया जमा कराने को कहते, लेकिन शादी नहीं कराते। मोटी राशि हड़पने के बाद जब पीडि़त का ठगी का एहसास होता तो वह नंबर को दूसरी ब्रांच रायपुर, छत्तीसगढ़, झारखंड आदि में फॉरवर्ड कर दिया करते थे जिससे कि जब भी कोई कॉल करता तो दूसरी जगह पर सम्पर्क होता।

बैंक अकाउंट नंबर दिखावे के

छानबीन में निकल कर आया कि वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन फीस जमा कराने के लिए अकाउंट नंबर दिए गए हैं, लेकिन शातिर उन नंबरों पर रुपया जमा नहीं कराते थे बल्कि खुद के बताए हुए अकाउंट नंबर पर सारा रुपया जमा कराते थे। कंपनी का मुख्यालय रायपुर में है। संभवत: यह अकाउंट नंबर वहीं से ऑपरेट हो रहे हैं।

अभी तक साइट चालू

मामला दर्ज होने के बाद भी मेट्रीमोनियल साइट खुली हुई थी। दोपहर तक उसका नंबर चालू था जो शाम को स्विच ऑफ हो गया। मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने साइट को ब्लॉक नहीं किया।

Posted By: Inextlive