बातों में फंसाकर जमा करा लिया दो युवकों से रुपया

ऑफिस बंद कर भाग निकला शातिर, स्टाफ भी गायब

आगरा। थाना हरीपर्वत क्षेत्र स्थित एक कंपनी ने नेवी में नौकरी लगवाने के नाम पर दो युवकों को ठग लिया। विश्वास में लेकर उनसे कई किस्तों में लाखों रुपये जमा करा लिए, लेकिन जब नौकरी देने की बारी आई तो वह टालमटोल करने लगा। पीडि़त ने आकर चेक किया तो ऑफिस बंद मिला। फोन करने पर शातिर रुपये लौटाने की बात करने लगा, लेकिन अब उसका फोन नहीं लग रहा। इस मामले में थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

फेसबुक से हुई मुलाकात

शिकोहाबाद निवासी योगेश यादव के पिता नरेश यादव आर्मी से रिटायर्ड हैं। वर्तमान में वह बिजली विभाग में कार्यरत हैं। योगेश ने तमीलनाडु से बीटेक में मरीन इंजीनियरिंग की है। उसके फेसबुक पर बीते वर्ष अप्रैल में एक कंपनी से कॉन्टेक्ट हुआ, जो नेवी में नौकरी लगवाती थी। उसने दिए गए नंबर पर कॉल किया। कॉल पर बात करने वाले ने उसे अपने विश्वास में ले लिया। कंपनी का ऑफिस संजय प्लेस में था।

आगरा आकर की जांच

योगेश ने चेन्नई में साथ पढ़ने वाले दोस्त सत्यमूर्ति को भी यह बात बताई तो उसके मन में भी नौकरी पाने की इच्छा हो गई। योगेश ने आकर ऑफिस पर स्टाफ से बात की। उसने उसे कुछ कागजात दिखाए। जिसे दिखाकर उसने कहा कि उनका काम पक्का है। वह कई लोगों की नौकरी लगवा चुके हैं। उनका सारा काम एक नंबर में होता है, लेकिन नौकरी पाने के लिए सर्विस चार्ज लगेगा। चूंकि कंपनी में भी रुपया देना पड़ता है। बाद में वीजा और टिकट आदि में भी रुपया खर्च होता है।

किश्तों में जमा कराया रुपया

पीडि़त के मुताबिक शातिर ने तीन-चार किश्तों में तीन लाख 80 हजार रुपये जमा करा लिए। इसमें आधा रुपया उसके दोस्त का था। दोनों को नौकरी दिलवाने का आश्वासन दिया। कुछ महीने बाद योगेश ने कॉल किया तो बताया कि काम चल रहा है। ऐसे ही कई बार कॉल करने पर यही जबाव मिला। कुछ महीने तक काम न होने पर योगेश का माथा ठनक गया।

बंद मिला ऑफिस

योगेश ने जनवरी में आगरा आकर जांच की तो पता चला कि ऑफिस बंद है। फोन करने पर शातिर ने कहा कि अगले महीने आने की बात बोल दी, लेकिन ऑफिस लगातार बंद मिला। आसपास के लोगों ने बताया कि ऑफिस कई महीनों से बंद है। लिहाजा इस मामले की शिकायत डीआईजी से की गई और थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया गया।

और भी हो सकते हैं पीडि़त

इस मामले में अभी एक शिकायत प्रकाश में आई है, लेकिन पीडि़त का कहना था कि ऐसे और भी मामले हो सकते हैं। बाहर के लोग इस उम्मीद बैठे होंगे कि उनका काम चल रहा है। इस मामले में ठगी की लंबी फेहरिस्त भी हो सकती है।

व्हाट्सअप है चालू

योगेश ने बताया कि उसका कॉल तो नहीं लग रहा, लेकिन उसका व्हाट्सअप चालू है, लेकिन वहां पर मैसेज करने पर रिप्लाई नहीं आ रहा है। वह यहां के नंबरों से गए मैसेज को ओपन ही नहीं कर रहा है। उसके ऑफिस में चार लोगों का स्टाफ था। वह भी गायब है।

Posted By: Inextlive