कम्प्यूटर ऑपेरटर बन गया खरीदार
-जेम पोर्टल पर अधिकारी स्तर का ही हो सकता है खरीदार
-कम्प्यूटर ऑपरेटर को बना दिया खरीदार जेम पोर्टल पर अधिकारी स्तर का ही हो सकता है खरीदार -कम्प्यूटर ऑपरेटर को बना दिया खरीदार GORAKHPUR: GORAKHPUR: डीडीयूजीयू में करप्शन को रोकने के लिए जेम पोर्टल पर खरीदारी तो शुरू हुई। लेकिन अब उसमें भी खेल होने लगा है। स्टूडेंट लीडर शिव शंकर गोड़ ने आरोप लगाया है कि जेम पोर्टल पर कम्प्यूटर ऑपरेटर को ही खरीदार बना दिया गया। जबकि इस पोर्टल पर केवल अधिकारी स्तर का ही खरीदार हो सकता है। पहले भी हुए हैं कई मामलेउन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि हाल ही में प्रशासनिक भवन में कैंटिन के नाम पर पांच लाख भुगतान किया गया। जबकि यहां कैंटिन का कोई वजूद ही नहीं है। ये मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि तभी एक और मामला सामने आ गया। ऑनलाइन परीक्षा केन्द्र की अभी नींव पड़ी ही थी कि उसके नाम पर ख्भ्0 कम्प्यूटर और यूपीएस की खरीदारी का टेंडर जेम पोर्टल पर जारी कर दिया गया। स्टूडेंट लीडर का आरोप है कि टेक्निकल बीड होने के बावजूद खरीदारी प्रॉसेस को कैंसिल कर दिया गया। एक बीड अभी कैंसिल भी नहीं हुई थी कि दूसरी बीड कर दी गई।
अब नया खेल सामने आया
स्टूडेंट लीडर का आरोप है कि वीसी द्वारा सहायक कुलसचिव चन्द्रेश को नया खरीदार बनाने का आदेश दिया गया। लेकिन इसमें नया खेल सामने आया है कि कागज में खरीदार तो चन्द्रेश को ही बना दिया गया है। लेकिन जेम पोर्टल पर डाटा इंट्री ऑपरेटर संतोष पांडेय खरीदार के रूप में बीड किए गए हैं। जबकि नियमानुसार अधिकारी स्तर का ही कोई खरीदार हो सकता है। इस खेल के खुलासे के लिए स्टूडेंट लीडर शिव शंकर गोड़ ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी वीसी, कुलसचिव, राज्यपाल और वित्त अधिकारी को लेटर भेजा है। जांच समिति की कार्यशैली पर उठाया सवाल -क्या एक ही सामानों की खरीदारी के लिए दो बीड की जा सकती है। -वीसी के आदेश सहायक कुलसचिव को खरीदार बनाने के लिए था तो खरीदार, कानसाइनी, डीडीओ एक साथ तीनों कैसे बना। -थर्ड क्लास इंप्लॉई को खरीदार कैसे बनाया गया। -कहीं प्राईमरी यूजर आईडी का गलत यूज तो नहीं हो रहा है। -पहला बीड क्यों निरस्त किया गया। वर्जन- इस मामले की जांच चल रही थी। इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। रिपोर्ट में क्या है, इसका जल्द खुलासा होगा। ओम प्रकाश, कुलसचिव