एक 'आधार' पर तीन राशन कार्ड
सत्यापन में सामने आ रही कमियां, विभागीय मिलीभगत से हुआ फर्जीवाड़ा
जिले में हजारों की संख्या में सामने आए फर्जी कार्ड, मचा हड़कंप ALLAHABAD: कई बीघे जमीन, ट्रैक्टर, कार-जीप और आलीशान मकान होते हुए भी अमीरों को सस्ते सरकारी अनाज का स्वाद बहुत अच्छा लगने लगा है। आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से उन्होंने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक नहीं बल्कि तीन-तीन राशन कार्ड बनवा डाले। इसका खुलासा विभागीय जांच में होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा है। कमी छिपाने के लिए अधिकारियों ने फर्जी कार्ड कैंसिल करने का फैसला लिया है। शहर से गांव तक मची लूटसबसे अहम यह कि जिन अपात्रों ने राशन कार्ड बनवाने में फर्जीवाड़ा किया है, वे शहर से लेकर गांव तक सस्ता अनाज लूटने में लगे हैं। शासन के निर्देश पर आपूर्ति विभाग ने आधार लिंक कराने के बाद सत्यापन शुरू किया तो सच्चाई सामने आ गई। एक ही आधार पर दो से तीन राशन कार्ड बनवाए गए हैं। जिन लोगों ने विभागीय मिलीभगत से यह काम किया, वे रसूखदार होने के साथ आर्थिक रूप से संपन्न भी हैं। इसमें कोटेदारों की सहभागिता शामिल है।
बाक्स 65 हजार कार्ड फर्जीअभी आधार लिंक के बेस पर हुई शुरुआती जांच में ही लगभग 65 हजार राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं। जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ेगा, यह संख्या बढ़ती जाएगी। इससे विभागीय अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूलने लगे हैं। हम बता दें कि पिछले एक साल से आधार लिंकअप कराने का प्रयास चल रहा था, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। अब शासन ने 31 जून की अंतिम तिथि घोषित कर दी है। क्योंकि अभी लाखों की संख्या में लाभार्थियों का आधार जमा नहीं हो सका है।
आधार लिंक बेस पर चल रही शुरुआती जांच में लगभग 65 हजार कार्ड फर्जी पाए गए हैं। अपात्रों ने एक ही आधार पर दो से तीन राशन कार्ड बनवाए हैं। ये कार्ड कैंसिल किए जा रहे हैं। जो फर्जीवाड़े में शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नीलेश उत्पल, एआरओ, आपूर्ति विभाग फैक्ट फाइल 10.30 लाख हैं जिले में कुल राशन कार्ड 43.75 लाख है जिले में कुल लाभार्थियों की संख्या 65 हजार के लगभग मिले हैं फर्जी राशन कार्ड 56 फीसदी है ग्रामीण एरिया में लाभार्थी आधार लिंक 71 फीसदी लाभाथियों ने कराया है शहरी एरिया में लिंक 59 फीसदी आधार लिंक कराए जा चुके हैं राशन कार्ड से अब तक