- 6 माह पहले करीब एक गबन के मामले में संविदा समाप्त कर दी गई

- 3 माह पहले भैंसाली डिपो में किया गया था ट्रांसफर

- संविदा समाप्त होने के बाद भी दूसरे नाम से भर्ती हुआ परिचालक

- 6 माह से अधिक समय से नाम बदलकर कर रहा था ड्यूटी

- 83 हजार रुपए गबन का आरोप लगा था आरोपी पुष्पेंद्र पर

नवीन सिंह

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ। रोडवेज विभाग में आला अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते परिचालकों की भर्ती में भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। एक परिचालक जिसकी छह माह पहले करीब एक गबन के मामले में संविदा समाप्त कर दी गई थी वह वर्तमान में भी दूसरे नाम से रोडवेज में ही बतौर परिचालक काम कर रहा है। मामला संज्ञान में आते रोडवेज विभाग में खलबली मच गई और मामले पर जांच बैठा दी गई है।

बड़ौत डिपो का मामला

मूल रूप से बागपत के चांदी नगर निवासी परिचालक धर्मदेव छह माह पहले करीब बडौत डिपो में बतौर संविदा परिचालक भर्ती हुआ था। तीन माह पहले उसे भैंसाली डिपो में ट्रांसफर कर दिया गया। आरोप है कि धर्मपाल गत वर्ष मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट में पुष्पेंद्र नाम से भर्ती हुआ था और सिटी बसों में बतौर परिचालक काम कर रहा था।

संविदा हुई थी समाप्त

गौरतलब है कि पुष्पेंद्र पर रोडवेज के ईटीएम में छेड़छाड़ कर करीब 83 हजार रुपए गबन का आरोप लगा था। मामले की जांच के बाद आरोप सिद्ध होने पर पुष्पेंद्र की संविदा समाप्त कर दी गई थी, लेकिन संविदा समाप्त होने के कुछ माह बाद ही परिचालक दोबारा बड़ौत डिपो में फर्जी कागजात लगाकर परिचालक पद पर भर्ती हो गया।

भैंसाली डिपो पर पकड़ा

परिचालक का ट्रांसफर भैंसाली डिपो में होने के बाद मामला पकड़ में आया। परिचालक की शिकायत होने पर एमडी मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट ने एआरएम भैंसाली डिपो को मामले की जानकारी देते हुए जांच कराने के लिए कहा है। गौरतलब है कि एआरएम भैसाली अनिल अग्रवाल जब सिटी ट्रांसपोर्ट में एआरएम थे तब उनके समय में इस परिचालक की भर्ती की गई थी। अब दोबारा जब परिचालक का भैंसाली डिपो में एआरएम अनिल अग्रवाल के कार्यकाल में तबादला हुआ है।

अन्य परिचालकों की खुली फाइलें

एक परिचालक की भर्ती में फर्जीवाड़ा खुलने के बाद कई अन्य संदिग्ध परिचालकों के कागजात की जांच शुरु हो गई है। इन परिचालकों की भी फर्जी कागजात के आधार पर भर्ती की शिकायतें विभाग को मिली हैं।

वर्जन-

धर्मदेव और देवेंद्र के नाम से एक परिचालक विभाग में डयूटी कर रहा है। गबन के मामले में इसकी संविदा समाप्त की गई थी। लेकिन मामला संज्ञान में आया है कि ये दोबारा रोडवेज में काम कर रहा है।

-संदीप लाहा, एमडी सिटी ट्रांसपोर्ट

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मामला संज्ञान में आने के बाद परिचालक की सेवाएं रोक दी गई हैं। मामले की जांच की जा रही है।

-अनिल अग्रवाल, एआरएम रोडवेज

Posted By: Inextlive