रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 42 बेरोजगारों से किया था दो करोड़ चार लाख रुपया की ठगी

हरियाणा के जींद थाने में दर्ज है मुकदमा, वर्ष 2012 से उसकी तलाश में थी पुलिस

बेली चौराहे के पास से पुलिस ने किया गिरफ्तार, कबूला अपना गुनाह

ALLAHABAD: नौकरी की तलाश में भटक रहे बेरोजगारों ठगने वाले रेलवे में तैनात क्लर्क के बेटे का चेहरा गुरुवार को बेनकाब हो गया। दर्जनों बेरोजगारों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके आरोपी युवक मनोज को क्राइम ब्रांच की टीम ने बेली चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। हरियाणा पुलिस को इस जालसाज की तलाश पिछले पांच साल से थी। उसने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।

2012 से पुलिस को थी तलाश

मूलरूप से गुलमोहर कॉलोनी, हावड़ा वेस्ट बंगाल का रहने वाला मनोज कुमार सिंह उर्फ अभिषेक सिंह के पिता मुरलीधर सिंह रेलवे में क्लर्क हैं। पिता की तरह वह भी गर्वनमेंट जॉब करना चाहता था। लेकिन शुरू से ही उसके सिर पर पैसा कमाने का भूत सवार था। पैसा कमाने के चक्कर में उसने शार्टकट रास्ता चुन लिया। कुछ साथियों के साथ मिलकर वह जालसाजी के काम में जुट गया। उसने 42 बेरोजगार युवाओं को अपना टॉरगेट बनाया और उनसे दो करोड़ चार लाख रुपए की ठग लिया। उसके बाद मौका देखकर फरार हो गया। ठगी के शिकार लोगों ने मनोज व उसके अन्य साथियों के खिलाफ हरियाणा के जींद में मुकदमा दर्ज कराया है। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद हरियाणा पुलिस को इन जालसाजों की तलाश पिछले पांच साल से थी। इस बीच वहां से फरार मनोज इलाहाबाद आ गया। यहां पर वह पिछले तीन सालों से रहकर कानपुर यूनिविर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। पूछताछ में मनोज ने पुलिस को बताया कि वह अलग-अलग हॉस्टल में अपने दोस्तों के साथ रहता था। किसी भी स्थान पर टिक कर लंबे समय तक नहीं रहता था।

फर्जी खाते में गंवाता था पैसा

पुलिस ने बताया कि मनोज और उसका गिरोह 50 हजार रुपए की टोकन मनी से ठगी की शुरुआत करता था। सबसे पहले वह युवाओं को रेलवे में जॉब दिलाने का सपना दिखाता था। उसके बाद युवकों से फार्म भरने के नाम पर पचास हजार रुपए लेता था। जबकि एक लाख रुपए मेडिकल के नाम पर वसूलता था। इसके लिए बाकायदा उसने रेलवे विभाग की फर्जी वेबसाइट भी बनायी थी। इसी वेबसाइट पर वह फर्जी परिणाम व नियुक्ति की सूची जारी करता था। यह सब दिखा कर युवकों भरोसे में लेने के बाद पांच -पांच लाख रुपए रेलवे की सी ग्रुप की नौकरी के लिए लेता था। इसके बाद वे रेलवे की फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे। इस दौरान पैसों का लेन देन वे अलग-अलग नाम से खोले गए फेक बैंक एकाउंट के जरिए करते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हरियाणा के जींद थाने में धारा 420, 467, 468, 471,120 बी एवं 66 आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है। एसएसपी ने क्राइम ब्रांच के इंटेलिजेंस विंग उनि नागेश सिंह, ओम शंकर शुक्ल, बृजेश सिंह, अवधेन्द्र तिवारी, जितेन्द्र पाल सिंह, हे.का। इन्द्र प्रताप सिंह, का। रविसेन सिंह, विजय, अवनीश, सुनील, अनूप, अनुपम, नवीन, विनय व बेली चौकी प्रभारी को सराहनीय कार्य के लिए नकद पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की।

बेरोजगारों से जॉब दिलाने वाले सक्रिय गिरोह के सदस्य मनोज कुमार सिंह की पुलिस को लंबे समय से तलाश थी। क्राइम ब्रांच व कैंट थाने की पुलिस ने आरोपी को बेली चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया है।

प्रकाश स्वरूप पांडेय, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive