फ्रॉड के अनोखे तरीके, एक क्लिक से लाखों गायब घर बैठे
केस 1- रुहेलखंड पुलिस चौकी एरिया के रहने वाले विभूति से साइबर ठगों ने पेटीएम केवाईसी के नाम पर टीम व्यूअर एप इंस्टॉल करा लिया और फिर उनके मोबाइल को ऑपरेट कर अकाउंट से 2 लाख रुपए का फ्रॉड कर लिया।
केस 2-इज्जतनगर निवासी प्रियंका आर्या को ऑनलाइन एसी के प्राइस सर्च करना भारी पड़ गया। उनके पास 40 परसेंट सस्ते दाम पर एसी दिलाने के लिए फोन आया और फिर मोबाइल पर ओटीपी भेजकर 75 हजार रुपए ठग लिए। ये भी जानें 5 केस डेली आ रहे सामने 300 लोग इस साल अब तक हुए ठगी का शिकार -टीम व्यूअर, क्विक सपोर्ट जैसे एप के जरिए मोबाइल और पीसी कर लेते हैं ऑपरेट -उसके बाद स्वंय डिटेल भरकर अकाउंट कर देते हैं खालीबरेली: साइबर ठगों ने अब स्मार्टफोन और पीसी या लैपटॉप में एप इंस्टॉल कराकर ठगी शुरू कर दी है। टीम व्यूअर, क्विक सपोर्ट जैसे रिमोट एक्सेस एप के जरिए ठग मोबाइल और पीसी को अपने कब्जे में ले लेते हैं और फिर खुद ऑपरेट कर अकाउंट डिटेल फिल कर शॉपिंग कर लेते हैं। बरेली में इसके अलावा भी कई तरीके से साइबर फ्रॉड के मामले सामने आए हैं। एसएसपी ऐसे मामलों को रोकने के लिए पब्लिक को अवेयर कर रहे हैं।
यह एप करा रहे इंस्टॉल साइबर सेल के पास अभी तक जिन एप को इंस्टॉल कराकर ठगी के मामले सामने आए हैं, उनमें टीम व्यूअर, क्विक सपोर्ट, ऐनी डेस्क, एयरड्रावड व अन्य हैं। इन एप को ठग पेटीएम व अन्य केवाईसी अॅपडेट कराने के बहाने इंस्टॉल कराते हैं। इंस्टॉल कराने के लिए ठग मोबाइल पर लिंक भी भेज देते हैं। उसके बाद एप की पिन और आईडी पूछकर मोबाइल या पीसी ऑपरेट करना शुरू कर देते हैं। फास्ट टेग जारी करने के बहाने भी ठगी गाडि़यों में टोल प्लाजा पर फास्ट टेग को कंपलसरी कर दिया गया है। फास्ट टेग न होने पर डबल टैक्स वसूला जाता है। ऐसे में साइबर ठगों ने इसके जरिए भी ठगी का तरीका इजाद कर लिया है। साइबर ठग लोगों को किसी कंपनी या बैंक का अधिकारी बनकर फ्री में फास्ट टेग बनाने के बहाने बैंक डिटेल पूछ लेते हैं और फिर अकाउंट से हजारों रुपए का फ्रॉड कर लेते हैं। डिएक्टिवेटेड सोशल अकाउंट से भी फ्रॉडसाइबर सेल के पास फेसबुक व अन्य सोशल साइट के डिएक्टिवेटेड अकाउंट के जरिए भी ठगी के केस सामने आ रहे हैं। साइबर ठग इन अकाउंट को चालू कर उनकी फ्रेंड लिस्ट के लोगों को मैसेज भेज रहे हैं। ये मैसेज बीमारी या अन्य किसी प्रॉब्लम के होते हैं। इसके जरिए क्यूआर कोड स्कैन कराकर अकाउंट खाली किए जा रहे हैं।
रोजाना आ रहे 5 केस बरेली साइबर सेल के पास साइबर ठगी के डेली एवरेज 5 केसेस सामने आ रहे हैं। महीने में इसकी संख्या काफी बढ़ रही है। हर बार ठगी का तरीका बदल जाता है। पुलिस एक तरीके पर वर्क करना शुरू करती है तब तक ठगी का तरीका बदल जाता है। इस वर्ष अब तक 300 से अधिक केस आ चुके हैं। इन मामलों में साइबर सेल जांच के साथ-साथ थानों में भी एफआईआर दर्ज करा रही है। इन तरीकों से भी हो रही ठगी -फोन कॉल के जरिए एटीएम डिटेल पूछकर -गूगल फार्म फिल कराने के बहाने ठगी -नौकरी, लॉटरी और बोनस के नाम पर ठगी -ओलेक्स व अन्य साइट पर गाड़ी खरीदने के नाम पर -गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर डालकर इस तरह से बचें -बैंक से जुड़ी डिटेल किसी को शेयर न करें -किसी भी तरह के एप इंस्टॉल न करें -सोशल साइट के इमोशनल मैसेज पर भरोसा न करें-गूगल पर दिए कस्टमर केयर नंबर सही से जांच लें
-एटीएम से पैसा निकालते वक्त भी सावधानी बरतें