101 वर्ष की आयु में हुआ निधन, गार्ड-ऑफ ऑनर के साथ हुआ अंतिम संस्कार

BAREILLY/BAHEDI: बहेड़ी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर बहादुर सिंह का संडे निधन हो गया। वह 101 वर्ष के थे। उनके निधन पर एरिया में शोक की लहर डूब गई। गांव में गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा एसडीएम ममता मालवीय, एसडीएम फरीदपुर, एसडीएम कुंवर पंकज, बीजेपी नेता सुरेश तलवार, एसएचओ सुरेंद्र कटियार व अन्य अधिकारी व स्थानीय लोग मौजूद रहे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फोन पर श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार और मेनका गांधी ने निधन पर शोक जताया है।

महान स्वतंत्रता सेनानी थे

स्वतंत्रता सेनानी अमर बहादुर सिंह की गिनती महान क्रांतिकारी नेताओं में थी। वह 1933 में स्नातक की पढ़ाई करने के बाद ब्रिटिश इंडियन आर्मी में शामिल हुए। 1942 में हुए द्वितीय विश्व युद्ध में उन्होंने जापान की ओर से लड़ाई लड़ी। सुभाष चन्द्र बोस नेताजी के संपर्क में आने पर उन्होंने 1945 में अंग्रेजों से बगावत करते हुए आजाद हिंद फौज का दामन थाम लिया। इस दौरान अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया। जहां उन्होंने आजाद हिंद फौज के साथियों शहनवाज, डिल्लन, लक्ष्मी प्रसाद के साथ ब्रिटिश सरकार के मुकदमे का सामना किया। 1947 में देश आजाद होने पर वे भी आजाद कर दिए गए। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अमर बहादुर सिंह की देश सेवा से प्रभावित हो उन्हें दिल्ली स्थित आनंद आश्रम में सरकारी सेवा में रख लिया। यहां से 1977 में वे रिटायर हो अपने पैतृक गांव आकर रहने लगे।

नहीं भूले तिरंगा फहराना

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा जापान पर गिराए गए परमाणु बम के दौरान अमर बहादुर सिंह हिरोशिमा में ही तैनात थे। हमले से एक दिन पहले ही हिरोशिमा से पड़ोस के शहर में आए थे। वह अक्सर परमाणु बम हमले का मंजर बयां कर शांति की वकालत करते थे। अमर बहादुर सिंह की आत्मा में देशप्रेम कूट-कूटकर भरा था। बीती 11 अगस्त को जब वे तबियत खराब होने पर उत्तराखंड के एक अस्पताल में भर्ती हुए तो 15 अगस्त को अस्पताल में उन्होंने झंडारोहण कर देश को याद किया।

Posted By: Inextlive