- न्यू बैच के 546 स्टूडेंट्स ने फ्रेशर्स पार्टी 'उद्जीवन-14' में किया इंज्वॉय

PATNA: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( एनआईटी ) में फ्रेशर्स वेलकम पर एक प्रोग्राम 'उद्जीवन' का आयोजन किया गया। इसमें ख्0क्ब्-ख्0क्8 बैच के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने जमकर मस्ती की। सोलो डांस, म्यूजिक की धुन पर सुर की तान, कॉमेडी और एक से बढ़कर एक बॉलीबुड के हिट सांग पर स्टूडेंट्स ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ रंग जमाया। प्रोग्राम के बीच न्यू बैच के स्टूडेंट्स का इंट्रोडक्शन भी चलता रहा। हर प्रोग्राम को सीनियर्स, टीचर्स और डायरेक्टर प्रो। अशोक डे ने खूब इंज्वॉय किया।

जॉब से अधिक एंटरप्रेन्योर बनने पर जोर

न्यू बैच के स्टूडेंट्स को एड्रेस करते हुए इंस्टीट्यूट के डॉयरेक्टर प्रो। अशोक डे ने कहा कि स्टूडेंट्स सिर्फ जॉब लेने की होड़ में नहीं रहें, बल्कि अपना बिजनेस शुरू करने या एंटरप्रेन्योर बनने का भी दम-खम रखें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से इवोनेशन और न्यू आइडिया को प्रमोशन मिलेगा। प्राय: जॉब में एक सीमित काम करने की ही पासिबिलिटी होती है।

इंजीनियर बनना एक जिम्मेदारी

डायरेक्टर प्रो। अशोक डे ने स्टूडेंट्स को एड्रेस करते हुए कहा कि आमतौर पर इस प्रोफेशन को सीधे पैसे कमाने का एक बेहतीन प्रोफेशन समझा जाता है, लेकिन यह भी ध्यान दें कि एक इंजीनियर बनना एक गरिमा और जिम्मेवारी की बात है। उन्होंने उदाहरण दिया कि गुजरात के एक बड़े डायमंड मर्चेट के रूप में गोविंद भाई का नाम लिया जाता है। दूसरी ओर, इंडिया के महान इंजीनियर और भारत रत्‍‌न से सम्मानित डॉ एम.विश्वेश्वरैया हैं। दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। इसलिए अपना लक्ष्य निश्चित करें और आगे बढ़े।

एक अच्छा इंसान बनना जरूरी

इस अवसर पर न्यू बैच के कुल भ्ब्म् स्टूडेंट्स थे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिक, कम्प्यूटर साइंस और आर्किटेक्चर सहित विभिन्न स्ट्रीम के स्टूडेंट्स ने स्टेज पर इंट्रोडक्शन दिया। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ एसके वर्मा ने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम एक अच्छा इंसान बने। जब यह तय कर लेते हैं तो हम जो भी काम करेंगे उसमें अच्छाई अपने-आप दिखेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम का नाम है-उद्जीवन। इसका अर्थ है नया जीवन। नया जीवन में नये संकल्प के साथ स्टूडेंट्स आगे बढ़े और निरंतर नये लक्ष्य हासिल करें। यह शुभकामना है।

Posted By: Inextlive